कृषि यंत्र मेला 2024 बिहार के किसानों को ₹1.42 करोड़ अनुदान के साथ सशक्त बनाएगा
कृषि यंत्र मेला 2024, जो गांधी मैदान, पटना, बिहार में आयोजित हुआ, ने तीन दिवसीय राज्य-स्तरीय कृषि यंत्रीकरण मेले के रूप में उल्लेखनीय सफलता हासिल की। बिहार कृषि विभाग द्वारा भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में राज्यभर के किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
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यह मेला किसानों को आधुनिक कृषि उपकरणों का प्रदर्शन और सब्सिडी के लाभ प्रदान करके सशक्त बनाने का उद्देश्य रखता था। कुल 438 कृषि उपकरण वितरित किए गए और नौ कृषि उपकरण बैंकों को समर्थन देने के लिए ₹1.42 करोड़ की सब्सिडी प्रदान की गई।
मुख्य विशेषताएं:
1) कृषि उपकरण बैंकों के लिए अनुदान और समर्थन
बिहार कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने संयुक्त किसान कृषि ऋण समिति, डकरा और लखीसराय जिले के भूषण सिंह को ₹8 लाख का चेक और फार्म मशीनरी बैंक की प्रतीकात्मक चाबी सौंपी।
2) भारी संख्या में किसानों की उपस्थिति
तीन दिनों में, 59,000 से अधिक किसानों ने इस प्रदर्शनी का दौरा किया। ये किसान पटना, भागलपुर, बेगूसराय, मुंगेर और अररिया जैसे जिलों से आए थे। नि:शुल्क प्रवेश के साथ इस मेले ने किसानों को नई तकनीकों को समझने, सीखने और अपनाने के लिए एक समावेशी मंच प्रदान किया।
3) कृषि उपकरणों पर सब्सिडी
मेले के तीसरे दिन ही सरकार ने 132 उपकरणों और दो कृषि उपकरण बैंकों के लिए ₹57.55 लाख की सब्सिडी दी। इन खरीदों का कुल बाजार मूल्य ₹1.50 करोड़ तक पहुंचा। तीन दिनों में, नौ कृषि उपकरण बैंकों के लिए सब्सिडी दी गई, जो कृषि आधुनिकीकरण के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
4) ज्ञान के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाना
किसान पाठशाला नामक एक विशेष प्रशिक्षण सत्र में किसानों को कृषि वैज्ञानिकों और अधिकारियों से व्यावहारिक मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। इसमें शामिल थे:
- बुवाई से लेकर कटाई तक आधुनिक कृषि उपकरणों का उपयोग और लाभ।
- फलों और सब्जियों की वैज्ञानिक खेती की तकनीकें।
- कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए एग्री-ड्रोन के उपयोग और संभावनाएं।
इस शैक्षिक पहल का उद्देश्य किसानों को फसल उत्पादन बढ़ाने और टिकाऊ खेती की तकनीकों को अपनाने के लिए व्यावहारिक जानकारी प्रदान करना था।
किसानों की राय: एक परिवर्तनकारी पहल
मेले में शामिल किसानों ने सब्सिडी पर उन्नत मशीनरी अपनाने के प्रति उत्साह व्यक्त किया। कई किसानों ने कहा कि इन उपकरणों तक पहुंच से न केवल श्रम-प्रधान कार्यों में कमी आएगी बल्कि दक्षता और उत्पादन भी बढ़ेगा।
लखीसराय के भूषण सिंह ने कहा, “फार्म मशीनरी बैंक का अनुदान हमारे लिए वरदान बनकर आया है। यह हम जैसे छोटे किसानों को उन्नत उपकरणों तक पहुंचने में मदद करेगा, वह भी पूरी लागत उठाए बिना।”
सतत कृषि को बढ़ावा देना
कृषि यंत्र मेला टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने की दिशा में एक कदम है। सब्सिडी और प्रशिक्षण के माध्यम से यंत्रीकृत खेती को सुलभ बनाकर, यह पहल पारंपरिक और आधुनिक खेती के बीच की खाई को पाट रही है। यह पहल राज्य की छोटे और सीमांत किसानों की आजीविका को बेहतर बनाने और कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लक्ष्य के साथ जुड़ी हुई है।
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