क्या है फार्मिंग मिशन और केमिकल फ्री खेती में इसकी भूमिका?
केंद्र सरकार ने किसानों के लिए एक नई पहल शुरू करते हुए “नेशनल मिशन ऑन नैचुरल फार्मिंग (NNMF)” को मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य किसानों को रासायनिक-मुक्त खेती के लिए प्रेरित करना और इसे अपनाने में मदद करना है। इस मिशन के अंतर्गत, एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती के प्रशिक्षण से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
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प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का प्रयास
सरकार ने इस मिशन के जरिए खेती में पर्यावरण-अनुकूल और टिकाऊ तरीके अपनाने पर जोर दिया है। इसका उद्देश्य किसानों को ऐसे तरीके सिखाना है, जो बिना रसायनों के उपयोग के फसल उत्पादन को बढ़ावा देते हैं। इसके साथ ही, प्राकृतिक खेती के मानक तैयार कर किसानों को टिकाऊ कृषि पद्धतियों के लाभ समझाए जाएंगे।
कैसे करेगा मिशन मदद?
प्राकृतिक खेती के फायदों पर जागरूकता बढ़ाना।
किसानों को व्यावहारिक प्रशिक्षण देकर प्राकृतिक पद्धतियों के लाभकारी परिणामों से अवगत कराना।
जैविक खेती के मानकों को स्थापित करना और इन्हें अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
किसानों को सस्टेनेबल फार्मिंग के माध्यम से दीर्घकालिक लाभ देना।
इस मिशन के तहत न केवल खेती में रासायनिक उपयोग को कम किया जाएगा, बल्कि किसानों की आय बढ़ाने और मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने में भी मदद मिलेगी। यह पहल भारतीय कृषि में एक स्थायी बदलाव की ओर बढ़ने का संकेत है।
फार्मिंग मिशन का उद्देश्य
फार्मिंग मिशन का मुख्य लक्ष्य किसानों को प्राकृतिक खेती के महत्व से परिचित कराना और उन्हें इसकी तकनीकों का प्रशिक्षण देना है। यह मिशन केमिकल फ्री खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ पुराने पारंपरिक और पर्यावरण अनुकूल खेती के तरीकों को पुनर्जीवित करने की दिशा में काम करता है। मिशन का उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर उपयोग कर खेती की उत्पादकता और स्थिरता को बढ़ाना है।
केमिकल फ्री खेती में मदद
इस मिशन के तहत, किसानों को प्राकृतिक खेती की तकनीकों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें जैविक उर्वरकों, प्राकृतिक कीटनाशकों और पारंपरिक खेती के तरीकों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। खासतौर पर उन किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा जो अभी भी रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर निर्भर हैं। इसके साथ ही, वैज्ञानिक आधार पर खेती के तरीकों को समझने और अपनाने के लिए शोध और अनुभव साझा करने की व्यवस्था की जाएगी।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए पहल
मिशन का एक अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्य प्राकृतिक खेती के लिए एक मानक विकसित करना है। इस पहल के तहत किसान अपने अनुभव साझा करेंगे, और वैज्ञानिक अनुसंधान के जरिए टिकाऊ और प्रभावी खेती के सामान्य मानदंड तय किए जाएंगे।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, इस मिशन के तहत खेती और पशुपालन को आपस में जोड़ा जाएगा। इससे मिलने वाले उत्पादों को एकीकृत रूप से उपयोग किया जाएगा, जिससे खेती और पशुपालन का समग्र विकास हो सकेगा।
टिकाऊ खेती के लिए कदम
मिशन के तहत दीर्घकालिक टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने के लिए सस्टेनेबल फार्मिंग पर जोर दिया जाएगा। यह पहल पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखते हुए किसानों की आय में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगी। ब्लॉक स्तर पर लगभग 30,000 कृषि सखियों और अधिकारियों को प्रशिक्षण देकर स्थानीय किसानों को जागरूक और प्रशिक्षित किया जाएगा।
सरकारी निवेश और लक्ष्य
इस मिशन के लिए केंद्र सरकार ने कुल 2481 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जिसमें से 1584 करोड़ रुपये केंद्र सरकार और 897 करोड़ रुपये राज्य सरकारों द्वारा दिए जाएंगे। मिशन का लक्ष्य एक करोड़ किसानों तक पहुंचना है। पहले चरण में लगभग 18 लाख 75 हजार किसानों को प्रशिक्षण और समर्थन प्रदान किया जाएगा।
यह मिशन किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के साथ-साथ देश में केमिकल फ्री खेती को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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