सूत्रों के अनुसार एक अधिकारीक बयान में कहा गया है की छत्तीसगढ़ में किसानों को खरीफ सीजन 2021-22 से धान के अलावा सरकार द्वारा पहचानी गई कुछ फसलों की खेती के लिए 10,000 रुपये प्रति एकड़ की इनपुट सब्सिडी मिलेगी।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में बैठक के दौरान छत्तीसगढ़ में धान के अलावा अन्य फसलों की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए यह निर्णय लिया गया। जिसे राज्य में चावल की व्यापक खेती के कारण मध्य भारत का ‘चावल का कटोरा’ कहा जाता है। इस बैठक में राज्य के कृषि मंत्री रवींद्र चौबे समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे का विस्तार करने और अगले सीजन से सभी प्रमुख खरीफ फसलों जैसे मक्का, सोयाबीन, गन्ना, कोदो-कुटकी, दालों के साथ धान को इसके तहत शामिल करने का फैसला किया।
और उन्होंने कहा कि योजना के तहत किसानों को खरीफ सीजन 2020-21 में धान की खेती के लिए और अगले सीजन से धान सहित सभी प्रमुख खरीफ फसलों पर 10,000 रुपये प्रति एकड़ की इनपुट सब्सिडी प्रदान की जाएगी। खरीफ सीजन 2019-20 में राज्य सरकार ने किसानों को धान की खेती के लिए प्रति एकड़ 9,000 रुपये की इनपुट सहायता प्रदान की।
उनोन्हे कहा की “2020-21 में धान बोने वाले किसान यदि कोदो-कुटकी, गन्ना, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, धान की अन्य गढ़वाली किस्मों की खेती करते हैं या उसी भूमि में धान के स्थान पर वृक्षारोपण करते हैं , तो उन्हें 9,000 रुपये प्रति एकड़ के बजाय 10,000 रुपये प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी के रूप में प्रदान किया जाएगा”।
उन्होंने कहा कि जो किसान खेतों में पेड़ लगाएंगे, उन्हें अगले तीन साल तक प्रति वर्ष 10,000 रुपये की इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सब्सिडी की राशि सीधे लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर की जाएगी।
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