जलवायु परिवर्तन का गन्ना उत्पादन पर प्रभाव
जलवायु परिवर्तन के कारण गन्ने की फसलों में कीटों का बढ़ता प्रकोप किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। टॉप बोरर और मिली बग जैसे कीट अधिक सक्रिय हो गए हैं, जिससे गन्ने की वृद्धि बाधित हो रही है और देश में चीनी मिलों के उत्पादन लक्ष्य प्रभावित हो रहे हैं।
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गन्ने के उत्पादन में गिरावट
मोदी शुगर मिल, गाजियाबाद के महाप्रबंधक राहुल त्यागी के अनुसार, कीट हमलों के कारण गन्ने की पैदावार में 15–20% तक की गिरावट आई है। जहां पहले किसान प्रति हेक्टेयर 80 टन गन्ना उपजाते थे, अब यह मात्रा घटकर 60–65 टन प्रति हेक्टेयर रह गई है। तापमान में उतार-चढ़ाव के चलते इन कीटों की सक्रियता लंबे समय तक बनी रहती है, जिससे स्थिति और खराब हो रही है।
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गन्ना फसलों पर असर डालने वाले कीट
टॉप बोरर (कांसुवा/कंफरहा)
- क्षति का तरीका: यह कीट गन्ने के ऊपरी हिस्से में सुरंग बनाते हुए पौधे को कमजोर कर देता है।
- प्रभाव: पौधे छोटे और कमजोर हो जाते हैं, जिससे उत्पादन में भारी कमी आती है। यदि इसे नियंत्रित नहीं किया गया तो यह पूरे खेत को बर्बाद कर सकता है।
- जीवन चक्र: फरवरी से अक्टूबर तक सक्रिय, वर्ष में पांच चक्र पूरे करता है।
मिली बग
- क्षति का तरीका: यह कीट गन्ने की पत्तियों और तनों से रस चूसकर पौधों को कमजोर कर देता है।
- प्रभाव: पत्तियां पीली पड़ जाती हैं, पौधे की वृद्धि रुक जाती है और सुईटी मोल्ड फंगस का विकास होता है, जिससे फसल की गुणवत्ता और मात्रा प्रभावित होती है।
- प्रभावित राज्य: महाराष्ट्र, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में इसका प्रकोप ज्यादा देखा गया है।
उत्पादन लागत और चुनौतियां बढ़ीं
किसान इन कीटों से निपटने के लिए अधिक मात्रा में कीटनाशकों का उपयोग कर रहे हैं, जिससे उत्पादन लागत बढ़ गई है। लेकिन इसके परिणाम असंगत रहे हैं, जिसके कारण:
- गन्ने की गुणवत्ता में गिरावट।
- कीट प्रबंधन पर खर्च में वृद्धि।
- किसानों की आय में कमी, क्योंकि उपज और बाजार में बेचने योग्य फसल की गुणवत्ता घट रही है।
चीनी उत्पादन लक्ष्यों पर प्रभाव
गुणवत्तापूर्ण गन्ने की उपलब्धता में कमी से चीनी मिलों के उत्पादन लक्ष्य पूरे नहीं हो सकते, जिसका प्रभाव चीनी उद्योग पर भी पड़ेगा।
कीट प्रकोप से निपटने के उपाय
- समेकित कीट प्रबंधन (आईपीएम): रासायनिक उपयोग को कम करने के लिए जैविक कीट नियंत्रण जैसे पर्यावरण अनुकूल उपायों को बढ़ावा देना।
- जलवायु-लचीली किस्में: कीट-रोधी और जलवायु-अनुकूल गन्ना किस्मों का विकास।
- शिक्षा और जागरूकता: किसानों को कीटनाशकों के उचित उपयोग और कीटों की प्रारंभिक पहचान के तरीकों पर प्रशिक्षित करना।
- अनुसंधान और नवाचार: प्रभावी कीट नियंत्रण उपायों को विकसित करने के लिए वैज्ञानिक अध्ययनों पर जोर।
- सरकारी समर्थन: कीट नियंत्रण उपायों के लिए सब्सिडी और किसानों की आय को सुरक्षित करने के लिए नीतियां।
कीट प्रकोप में वृद्धि गन्ना खेती की जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशीलता को उजागर करती है। टिकाऊ गन्ना उत्पादन सुनिश्चित करने और किसानों की आजीविका की सुरक्षा के लिए बेहतर कीट प्रबंधन प्रथाओं, किसानों के समर्थन और अनुसंधान निवेश जैसे त्वरित उपाय आवश्यक हैं।
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