तिल की खेती कर किसान कर सकते हैं मुनाफा
किसानों के लिए तिल की खेती बेहद लाभदायी साबित हो सकती है । तिल में पाएं जाने वाले औषधीय गुण इसकी महत्वता को बढ़ाते है। बाजार में तिल की डिमांड लोगों में सबसे ज्यादा रहती है, इसका उपयोग काफी चीज़ों के लिए किया जाता है , जैसे तिल का तेल रोगों के इलाज के लिए काफी लाभदायी साबित होता है।
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तिल की बुवाई के लिए कौन सा अच्छा समय होता है यह जानकारी मध्य प्रदेश के वैज्ञानिकों ने दी है।
सबसे अच्छी बात यह है की, तिल की खेती दोनों ही सीजन रबी और जायद के मौसम मेंकि जा सकती है। तिल की फसल जायद मौसम में ९५ से १०० दिन में पककर तैयार हो जाती है, वही खरीफ सीजन में इसकी फसल ८५ से ९० दिनों में पककर तैयार की जाती है। वही अगर तिल की खेती गर्मी के मौसम में तैयार की जाती है तो इसमें रोज से बचने की संभावना काफी कम रहती है।
तिल की खेती के लिए खेत कैसे तैयार किये जाने चाहिए
तिल की खेती के लिए सबसे जरुरी है खेती तैयार करना। खेत को तैयार करते समय ८ से १० क्विंटल गोबर की सड़ी खाद में पांच किलो ट्राइकोडर्मा बिरडी मिलाकर छिड़क देना चाहिए ताकि बुवाई अच्छे से की जा सकें।
तिल की खेती के लिए बीज की बुवाई का सबसे उचित समय १० से ३० फरवरी का उचित समय माना गया है।
तिल की खेती के लिए सिंचाई प्रक्रिया पर धायण दिया जाना चाहिए
तिल की खेती में नियमित २ बार या जरुरत के अनुसार सिंचाई कर सकते हैं। वही खरीफ सीजन में बारिश का पानी ही पर्याप्त होता हैं। परन्तु किसानों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए की खेत में पानी का भराव नहीं होना चाहिए। भराव होने की वजह से फसल बर्बाद होती है इसलिए सिंचाई करते समय इस बात का ख़ास ध्यान रखना होगा। ऐसे में आने वाले समय खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कर सकते है।
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