कृषि यंत्र खरीदने पर मिल रही 80% तक सब्सिडी,जानें अनुदान का लाभ!
बिहार सरकार का कृषि विभाग लगातार किसानों की समस्याओं का समाधान करता है और किसानों को सहायता प्रदान करता है। इसके तहत, किसानों को अब फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए स्ट्रॉ रीपर और स्ट्रॉ बेलर जैसे आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए सब्सिडी मिल रही है। यह योजना के बारे में आपको जानने लायक सब कुछ है…
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बिहार सरकार ने किसानों को एक अच्छी खबर दी है। अब, राज्य के किसानों को फसल अवशेषों से निपटने के लिए सब्सिडी पर स्ट्रॉ रीपर और स्ट्रॉ बेलर मिलेंगे। इसका मुख्य उद्देश्य खेतों में पुआल या फसल अवशेषों को जलाने की सदियों पुरानी प्रथा को हतोत्साहित करना और यह सुनिश्चित करना है कि मिट्टी की उर्वरता बहाल हो।
राज्य सरकार किसानों की श्रेणी के आधार पर स्ट्रॉ रीपर, स्ट्रॉ बेलर और स्क्वायर बेलर पर अलग-अलग सब्सिडी (40% से 80%) दे रही है। इस योजना में भाग लेने वाले किसानों को न केवल पर्यावरण संरक्षण में भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा, बल्कि अतिरिक्त आय भी प्राप्त होगी।
बिहार कृषि विभाग का भी किसानों के लिए एक संदेश है:
“पुआल/पुआल बेकार नहीं है; वे कृषि का खजाना हैं। उन्हें मिट्टी में मिला दें, उन्हें कभी न जलाएँ। “ये बचे हुए नहीं हैं, ये खास हैं!”
आइए राज्य सरकार की इस पहल के बारे में थोड़ा और जानें।
स्ट्रॉ रीपर का उपयोग और लाभ
स्ट्रॉ रीपर का उपयोग कंबाइन द्वारा फसल काटने के बाद भूसा बनाने के लिए किया जाता है। यह खड़ी फसल के बचे हुए अवशेषों (भूसे) को भी काटता है और उसे चारे (भूसा) में बदल देता है। यह चारा मशीन द्वारा ट्रॉली में इकट्ठा किया जाता है; और इस प्रक्रिया में किसानों को भूसे से बचा हुआ अनाज भी मिलता है।
यह मशीन खेतों को अच्छी तरह से साफ करती है और फसल अवशेष प्रबंधन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। स्ट्रॉ बेलर फसल की कटाई के बाद बची हुई फसल जैसे भूसे को इकट्ठा करता है और उसे गांठों में बदल देता है। इन्हें किसान कम जगह में भी स्टोर कर सकते हैं। इन गांठों का उपयोग पशुओं के चारे के रूप में किया जा सकता है और उद्योगों को बेचा जा सकता है। यह फसल अवशेषों के कारण संभव है प्रबंधन।
सब्सिडी विवरण
अन्य श्रेणी के किसान: 40% सब्सिडी (₹1,20,000 की अधिकतम सीमा)।
एससी/एसटी किसान: इकाई लागत का 50%, लेकिन अधिकतम सीमा ₹1,50,000।
सामान्य श्रेणी के किसान: 40% सब्सिडी (₹2,25,000 तक)।
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के किसान: 50% सब्सिडी (₹5,28,000 तक)।
स्क्वायर बेलर(Square Baler)/आयताकार बेलर:
सामान्य श्रेणी के किसान: लागत का 75% (अधिकतम ₹2,25,000)।
एससी/एसटी किसान: 80% सब्सिडी (अधिकतम ₹2,50,000)।
कृषि यंत्र कैसे प्राप्त करें?
किसान इन मशीनों को कृषि विभाग की वेबसाइट http://farmech.bihar.gov.in पर ऑनलाइन बुक कर सकते हैं।
इसके अलावा, ऐसी मशीनें स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर के तहत भी उपलब्ध हैं।
ऑनलाइन आवेदन में किसी भी तरह की मदद/जानकारी के लिए किसान अपने प्रखंड कृषि पदाधिकारी/सहायक निदेशक (कृषि अभियंत्रण)/जिला कृषि पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
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