पूसा किसान मेला २०२१, जिसे पूसा कृषि विज्ञान मेला २०२१ भी कहा जाता है, आज २५ फरवरी को आयसीएआर -आयएआरआय नई दिल्ली में भारत की हरित क्रांति का केंद्र है। यह २७ फरवरी को समाप्त होगा। इस आयोजन के मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर थे ।
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इस आयोजन में श्री पुरुषोत्तम रुपाला और श्री कैलाश चौधरी, कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री, इनकी उपस्थिति भी देखी जाएगी।
पूसा किसान मेला एक वार्षिक कार्यक्रम है जो पूरे देश में कृषि क्षेत्र में पूरे साल के दौरान उपलब्धियों, किए गए शोधों और नवाचारों को प्रदर्शित करता है। इस आयोजन की अध्यक्षता आयसीआर के महानिदेशक और डायरेक्टर के सचिव डॉ त्रिलोचन महापात्रा करेंगे।
पूसा किसान मेले की मुख्य विशेषताएं
• किसानों और वैज्ञानिकों के बीच Q / A सत्र
• अभिनव किसान सम्मेलन
• नवीनतम तकनीकों का डेमो
• रबी फसलों का लाइव डेमो
• निःशुल्क मिट्टी और पानी के नमूने का परीक्षण
• खरीद के लिए उन्नत किस्मों के पौधों और बीजों की उपलब्धता
आयएआरआय के निदेशक के अनुसार, डॉ. ए.के. सिंह, इस वर्ष कुल १५ किस्मों की फसल को जारी किया गया। समाचारों में किस्मों में से एक पूसा बासमती १६९२ है, जो उच्च उपज देने वाली शुरुआती बासमती चावल की किस्म है ।
चावल के अलावा, मेला मूंग, अरहर और उड़द की नई संकर किस्मों का प्रदर्शन करेगा। रिलीज के लिए कुल 32 किस्मों की पहचान की गई है।
इनमें विभिन्न फूल, फल और सब्जियां शामिल हैं। सब्जियां में , बैगन की किस्म पूसा वैभव उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार और झारखंड के लिए जारी की जाती है। खीरा हाइब्रिड -१८ हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और उत्तराखंड के लिए जारी किया गया है।
फूलों में, ग्लेडियोलस किस्म पूसा शांति और गुलदाउदी किस्म पूसा सुंदरी भी जारी की जाती है। फलों में, पूसा दीपशिखा और पूसा मनोहरि हैं, जो आम संकर हैं, पूसा अरुण, जो एक प्यूमेलो किस्म है, और पूसा बैंगनी बीज रहित अंगूर किस्म हैं।
इसके आलावा, पूसा खोर और पूसा सेब बौना रूटस्टॉक -१०१ नामक एक अद्वितीय अखरोट की किस्म को रिलीज के लिए पहचाना जाता है।
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