लिए जानें, अमूल (Amul Dairy) के सबसे बड़े दुग्ध प्लांट की खासियतें और इससे पशुपालकों को कैसा लाभ हो सकता है:
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बनारस में अमूल डेयरी (Amul Dairy) के सबसे बड़े प्लांट, बनास अमूल डेयरी का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री मोदी वहाँ दो दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरे के दूसरे दिन, उन्होंने बनारस के लोगों को बनास डेयरी का एक बड़ा तोहफा प्रदान किया है। इस उद्घाटन से पशुपालकों की आय में वृद्धि होने के साथ-साथ, लगभग एक लाख युवाओं को नौकरी का अवसर प्राप्त हो सकता है।
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बनास डेयरी के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि उन्होंने 10 साल पहले बनास डेयरी(Amul Dairy) का शिलान्यास किया था और आज उसका उद्घाटन हो गया है। उन्होंने कहा कि यह मोमेंट उनके लिए गर्व की बात है और मोदी की गारंटी है कि यह डेयरी उत्तर प्रदेश के लोगों को बहुत लाभ पहुंचाएगी। उन्होंने आगे कहा कि इससे पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी और न केवल दूध के साथ, बल्कि गोबर से भी किसानों को नए कमाई के अवसर मिलेंगे।प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि डेयरी प्लांट में सीएनजी बनाई जाएगी, जिसमें गोबर का विवेचन होगा, और इससे तीन लाख से अधिक किसानों की आय में वृद्धि होगी।
अमूल के बनास डेयरी प्लांट की विशेषताएं:
- यह देशभर में अमूल का सबसे बड़ा डेयरी प्लांट है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने किया है।
- बनास डेयरी अमूल इंडस्ट्रियल का एरिया निर्माण करखियांव, एग्रो पार्क में 30 एकड़ में किया है।
- इस दुग्ध संयंत्र के निर्माण करने के लिए कुल 650 करोड़ रुपए की लागत आई है।
- प्लांट में अत्याधुनिक तकनीक के उपकरण स्थापित किए गए हैं, जो स्वचालित हैं।
- प्लांट के 5 से 50 किलोमीटर के दायरे में दूध संग्रहण के लिए 5 चिलिंग सेंटर स्थापित किए गए हैं, और पूर्वांचल में कुल 13 चिलिंग सेंटर उपस्थित हैं।
- कंपनी हर गांव में दूध कलेक्शन सेंटर खोलने का निर्णय लिया गया है।
- प्रत्येक गांव में दुग्ध समिति बनाई जा रही है, जो दूध की खरीद करेगी और निर्धारित समय पर कंपनी की गाड़ी से दूध समिति से कलेक्शन किया जाएगा।
- इस प्रकार, अमूल बनास डेयरी के संरचनात्मक प्रयासों से पशुपालकों और युवाओं को बेहतर रोजगार और आर्थिक सुधार होने की संभावना है।
अमूल बनास डेयरी (Amul Dairy)के संरचनात्मक प्रयासों से पशुपालकों और युवाओं को कई लाभ होंगे:
अमूल बनास डेयरी के प्लांट के संचालन के बाद, पूर्वाचल के लगभग 1346 गाँवों के युवाओं को रोजगार का अवसर प्राप्त होगा। इस परियोजना से डेयरी के प्लांट में लगभग 750 लोगों को सीधे रूप से और फील्ड में करीब 2350 लोगों को रोजगार मिल सकता है। इसके अलावा, पशुपालकों से दूध की खरीद की जाएगी और उन्हें निर्धारित दर पर उचित मूल्य मिलेगा। इस परियोजना के तहत, प्लांट में गोबर से सीएनजी उत्पन्न की जाएगी, जिससे दूध और गोबर को बेचकर पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी।
इन जिलों के पशुपालक किसानों को पूर्वांचल के इन जिलों में अमूल बनास डेयरी के प्लांट के संचालन से कई लाभ होंगे:
वर्तमान में, बनास डेयरी के परियोजना का लाभ 5 जिलों के किसानों को प्रदान किया जा रहा है, जिनमें गाजीपुर, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, और संतरविदास नगर शामिल हैं। इसके अलावा, बनास डेयरी के एमडी संग्राम चौधरी के अनुसार, आने वाले समय में जौनपुर, कौशांबी, प्रयागराज, अंबेडकर नगर, बलिया, कुशीनगर, मऊ, महाराजगंज, सिद्धार्थ नगर, संतकबीर नगर, बस्ती, गोरखपुर के किसानों और पशुपालकों को भी इस परियोजना से लाभ मिलने की संभावना है।
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