सरकार के नीतीयोग की छठी बैठक में बोलते हुए।पीएम मोदी ने कहा की “कोविड के दौरान भी, भारत ने कृषि क्षेत्र में निर्यात में बहुत वृद्धि की है । हमारे पास इस क्षेत्र में बहुत अधिक अप्रयुक्त क्षमता है।
हमारे उत्पादों का अपव्यय हमे कम करना चाहिए कम होना चाहिए और हमें इस प्रकार भंडारण और प्रसंस्करण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए”।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश को कोविड के आर्थिक मंदी से बाहर निकालने के लिए सुधार के लिए क्षेत्रों को चिह्नित करते हुए कृषि क्षेत्र की “अप्रयुक्त क्षमता” की ओर इशारा किया।
विदेशी निवेश की तलाश में एक प्रमुख कदम के रूप में भारत में व्यवसाय की आसानी को बढ़ाने के लिए उन्होंने निजी क्षेत्र को मदद देने की सलाह दी।
केंद्र-राज्य सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, “केंद्र और राज्य के बीच नीतिगत ढाँचा और सहयोग भी बहुत महत्वपूर्ण है। तटीय राज्य एक अच्छा उदाहरण हैं। नीली अर्थव्यवस्था से निर्यात के असीमित अवसर हैं।
हमारे तटीय राज्यों को क्यों नहीं करना चाहिए।” भारत दक्षिण-पूर्व एशिया में एक कच्ची मछली निर्यातक है क्या हम प्रसंस्कृत मछली उत्पादों का बड़े पैमाने पर निर्यात नहीं कर सकते? देश ने कहा।
प्रधान मंत्री ने कहा की “आज भी, एक कृषि प्रधान देश कहे जाने के बावजूद, हम ६५००० -७०००० करोड़ रुपये का खाद्य तेल बाहर से लाते हैं” ।
उन्होंने कहा कि देश को इसे रोकना चाहिए। उन्होंने कहा की “पैसा हमारे किसानों के खाते में जा सकता है। हमारे किसान इस पैसे के हकदार हैं, लेकिन इसके लिए हमें अपनी योजनाओं को इस तरह से बनाना होगा”।