किसानों को “केसीसी स्कीम” में 7 प्रतिशत की ब्याज दर पर लोन लेने की सुविधा मिलती है। इस योजना में प्रति वर्ष दो प्रतिशत की ब्याज छूट भी उपलब्ध है। अगर किसान का लोन लौटाने का ट्रैक रिकॉर्ड सही हो और मछली पालन कार्यक्रम सफलतापूर्वक चल रहा हो, तो सरकार द्वारा 3 प्रतिशत की दर पर लोन प्रदान किया जाता है।
खेती-किसानी में लोन लेना अब आसान हो गया है। इसके लिए सरकार द्वारा कई तरह की स्कीमें शुरू की हैं। साथ ही, बैंकों को इसके लिए निर्देश भी दिए गए हैं। निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि किसानों को सस्ती दर पर लोन प्राप्त करना चाहिए। यह बात केवल फसलों की खेती के लिए ही नहीं है। सरकार ने इसका दायरा बढ़ा दिया है और इसमें मछली पालन और पोल्ट्री(Fisheries and Poultry) को भी शामिल कर दिया है। इसका मतलब है कि आप जिस माध्यम से अभी तक फसलों के लिए लोन लेते थे, उसी माध्यम से अब मछली पालन और पोल्ट्री के लिए भी लोन ले सकते हैं। और यह माध्यम है किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card)।
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केसीसी से फसलों और मछली पालन एवं पोल्ट्री के लोन में एक अंतर होता है। इस अंतर का मुख्य कारण लोन की राशि है। जहां फसलों के लिए 3 लाख रुपये का लोन लिया जा सकता है, वहीं मछली पालन और पोल्ट्री(Fisheries and Poultry) के लिए यह राशि 2 लाख रुपये है। किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) धारकों को मछली पालन और पोल्ट्री के लिए लोन लेने की लिमिट तक दो लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है।
मछली पालन पर कैसे मिलेगा लोन:
केसीसी योजना में किसानों को 7 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण प्राप्त करने की सुविधा है। इसमें प्रति वर्ष 2 प्रतिशत की ब्याज छूट भी उपलब्ध है। अगर किसान ने ऋण चुकाने का खाता सही रखा है और मछली पालन कार्य को सफलतापूर्वक निर्वहन किया है, तो सरकार द्वारा 3 प्रतिशत की दर पर ऋण प्रदान की गई है। इसका अर्थ है कि अगर किसान समय पर ऋण चुका देता है, तो उससे केवल 4 प्रतिशत का ब्याज ही लिया जाएगा। इस प्रकार, किसान मछली पालन और पोल्ट्री (Fisheries and Poultry)के लिए 2 लाख रुपये का ऋण आसानी से 4 प्रतिशत के ब्याज दर पर प्राप्त कर सकते हैं।
क्या दिया गया है छूट का नियम:
फसल के लिए ऋण की राशि को 3 लाख और मछली पालन, पोल्ट्री के लिए 2 लाख रुपये मान्यता दी गई है। इसका मतलब है कि यही राशि सरकार द्वारा निर्दिष्ट बैंकों द्वारा ब्याज पर छूट के साथ उपलब्ध होती है। ब्याज में छूट का लाभ उन व्यक्तियों को प्राप्त होता है जो अपने ऋण का भुगतान समय पर करते हैं। इस प्रकार, यदि कोई किसान समय पर ऋण का भुगतान करता है तो उसे 2 लाख रुपये तक का ऋण 4 प्रतिशत ब्याज के साथ प्राप्त किया जाएगा।
विशेष बात यह है कि जैसा कि अन्य ऋणों के लिए प्रोसेसिंग फीस और सुरक्षा शुल्क देना पड़ता है, वैसा ही नियम केसीसी के लिए भी है, लेकिन उसमें कुछ छूट का प्रावधान है। खेती-किसानी के लिए केसीसी के ऋण पर प्रोसेसिंग फीस और सुरक्षा शुल्क माफ किए जाते हैं। उसी तरह, अगर पोल्ट्री और मछली पालन के लिए केसीसी से ऋण लिया जाता है तो 1.6 लाख तक के ऋण पर कोई सुरक्षा शुल्क देने की आवश्यकता नहीं होगी।
बिना सिक्योरिटी चार्ज के दिया जायेगा लोन:
इस ऋण में एक विशेष नियम भी है। यदि कोई पशुपालक अपना दूध सीधे सोसायटी या मिल्क यूनियन को बेचता है और इसमें किसी तृतीय पक्ष का कोई योगदान नहीं है और दूध के पैसे किसान के खाते में सीधे जाते हैं, तो उसे 2 लाख के बजाय 3 लाख तक का ऋण मिल सकता है, वह भी किसी सुरक्षा शुल्क के बिना।
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