किसानों को मौसम की मार से बचाने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) शुरू की है। इस योजना के तहत किसानों को बारिश, ओलावृष्टि और तूफान से फसल खराब होने पर मुआवजा दिया जाता है। हालांकि, इसमें आगजनी से होने वाले फसल नुकसान को शामिल नहीं किया गया है। ऐसे में यदि खेत में आग लग जाती है, तो किसान को मुआवजा नहीं मिलता और उसे नुकसान उठाना पड़ता है।
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इस समस्या को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत, यदि किसान के खेत में शॉर्ट सर्किट से आग लग जाती है, इस योजना के माध्यम से हानि की भरपाई की जा सक्ति है ।
शॉर्ट सर्किट से फसल नुकसान पर किसानों को मिलेगा एक लाख रुपए की सहायता
रबी सीजन में सबसे अधिक गेहूं की फसल बोई जाती है। वर्तमान में गेहूं की कटाई का समय चल रहा है। हमारे देश में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पंजाब में सबसे ज्यादा गेहूं की खेती होती है। इस दौरान कई बार किसानों की फसल शॉर्ट सर्किट या हल्की चिंगारी से पलभर में जलकर राख हो जाती है। इसलिए किसानों को गेहूं की तैयार फसल की देखभाल के साथ-साथ उसे आग से बचाना भी जरूरी है। इसके बावजूद कई घटनाएं होती हैं, जहां खेत में आग लगने से किसानों की फसल जल जाती है और उन्हें नुकसान सहना पड़ता है, लेकिन फसल बीमा के तहत उन्हें कोई सहायता नहीं मिल पाती। ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना (Chief Minister Farm Barn Accident Assistance Scheme) किसानों के लिए राहत का काम कर रही है। इस योजना के तहत किसानों को एक लाख रुपए तक की सहायता प्रदान की जा सकती है।
योजना के तहत आग से फसल नुकसान की भरपाई के नियम:
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना के अंतर्गत, आग से फसल नुकसान की स्थिति में किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के अनुसार, 2.5 एकड़ से कम भूमि वाले किसानों को 15 हजार रुपए की सहायता दी जाती है। 2.5 से 5 एकड़ तक की भूमि वाले किसानों को 20 हजार रुपए, और 5 एकड़ से अधिक भूमि वाले किसानों को 30 हजार रुपए का मुआवजा मिलता है। यह मुआवजा किसानों को उनकी फसल के नुकसान के आधार पर दिया जाता है। अधिक नुकसान होने पर, किसान को एक लाख रुपए से अधिक का मुआवजा भी प्रदान किया जा सकता है।
किन फसलों के नुकसान पर मिलेगा मुआवजा:
मुख्यमंत्री खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना के अंतर्गत, गेहूं, धान, मक्का, बाजरा, मूंग, मसूर, राई आदि अनाज वाली फसलों को शामिल किया गया है। इन फसलों को आग से नुकसान होने पर मुआवजा दिया जाएगा। हालांकि, गन्ने की फसल को आग से होने वाले नुकसान के लिए इस योजना में शामिल नहीं किया गया है। इसलिए, गन्ना किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
योजना के लिए पात्रता और शर्तें:
मुख्यमंत्री खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना के लिए कुछ पात्रता और शर्तें निर्धारित की गई हैं। यहाँ उनकी सार्थक सारंशित सूची है:
- मुख्यमंत्री खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना के लिए कुछ पात्रता और शर्तें निर्धारित की गई हैं। यहाँ उनकी सार्थक सारंशित सूची है:
- आवेदक किसान उत्तर प्रदेश का स्थाई निवासी होना चाहिए। अन्य राज्यों के किसान इस योजना के पात्र नहीं होंगे।
- केवल वही किसान इस योजना के पात्र होंगे जिनकी फसल को आग से नुकसान पहुंचा है।
- अन्य कारणों से फसल को हुए नुकसान पर इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।
योजना में आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज:
योजना का लाभ लेने के लिए किसान को आवेदन करना होगा। आवेदन के समय किसान के पास आवश्यक दस्तावेज होना जरूरी है ताकि आवेदन प्रक्रिया में कोई परेशानी न हो। योजना में आवेदन करने के निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक है :
- आवेदन करने वाले किसान का फोटो
- आवेदक किसान का मोबाइल नंबर, जो आधार से लिंक हो
- दुर्घटनाग्रस्त स्थान का फोटो
- स्वप्रमाणित घोषणा-पत्र
- प्रतिभूमि का प्रारूप
- किसान के दस्तावेजों में हस्ताक्षर या अंगूठे का प्रमाणित चिह्न
किसान को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ये सभी दस्तावेज आवेदन करते समय उपलब्ध हों।
योजना के तहत सहायता के लिए किसान कैसे करें आवेदन:
किसानों को मुख्यमंत्री खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना का लाभ लेने के लिए, जलन होने पर 15 दिनों के भीतर संबंधित कृषि उत्पादक मंडी समिति कार्यालय में एक प्रार्थना पत्र जमा करना होगा। इसी प्रार्थना पत्र को आवेदन के रूप में स्वीकार किया जाता है। आवेदन फॉर्म के साथ अपलोड किए जाने वाले दस्तावेज केवल (jpeg, jpg, gif, png) फाइल फॉर्मेट में ही अपलोड करने होते हैं। प्रार्थना पत्र में दस्तावेजों का साइज 100 केबी से अधिक नहीं होना चाहिए। आवेदन फॉर्म में नया और पासपोर्ट साइज फोटो ही अपलोड करना है, जिसका साइज अधिकतम 50 केबी हो सकता है। फॉर्म के साथ स्वप्रमाणित घोषणा पत्र भी अपलोड करना होता है।
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