सोलर पंप सब्सिडी से खेती की दक्षता बढ़ेगी
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) के घटक सी-1 योजना के तहत सब्सिडी वाले सोलर पंप के लिए किसानों को आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित करने की घोषणा की है। इस पहल का उद्देश्य किसानों के खेती खर्च को कम करना और उन्हें विश्वसनीय सिंचाई सुविधाएं प्रदान करना है, जो पीएम कुसुम योजना के व्यापक उद्देश्यों के अनुरूप है।
उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 के तहत, वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 3 एचपी से 10 एचपी तक के सोलर पंप वितरण के लक्ष्य तय किए गए हैं। इस योजना के तहत कुल 10,000 सोलर पंप प्रदान किए जाएंगे, जिससे प्रदेश के किसानों को लाभ मिलेगा। आवेदन अब यूपीनेडा पोर्टल (upnedakusumc1.in) के माध्यम से पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर स्वीकार किए जा रहे हैं। इच्छुक किसानों को सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए 15 दिसंबर 2024 तक आवेदन करना होगा और अपना योगदान जमा करना होगा।
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सब्सिडी का विवरण: किसानों के लिए बड़ी बचत
यूपीनेडा के निदेशक अनुपम शुक्ला ने योजना के वित्तीय लाभों की जानकारी दी:
- अनुसूचित जनजाति, वनटांगिया और मुसहर समुदायों के किसानों को 70% राज्य सब्सिडी और 30% केंद्रीय सब्सिडी मिलेगी, जिससे यह योजना बेहद किफायती हो जाती है।
- अन्य किसान 60% राज्य सब्सिडी और केंद्रीय सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं, जिससे कुल लागत का केवल 10% ही उनकी जेब से देना होगा।
उदाहरण के लिए:
- 3 एचपी सोलर पंप के लिए किसान का हिस्सा ₹23,900 है।
- 5 एचपी पंप के लिए योगदान ₹39,325 है।
- 7.5 एचपी पंप के लिए यह ₹54,800 है।
- 10 एचपी पंप के लिए किसान का योगदान ₹2,26,750 है।
ये सब्सिडी प्रारंभिक निवेश को काफी हद तक कम कर देती हैं, जिससे छोटे और सीमांत किसानों के लिए सोलर सिंचाई एक व्यवहार्य विकल्प बन जाता है।
आवेदन प्रक्रिया: सरल और सुलभ
उत्तर प्रदेश के किसान upnedakusumc1.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पूरा करने के लिए उन्हें निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
- एक वैध मोबाइल नंबर
- भूमि स्वामित्व के दस्तावेज
- पहचान प्रमाण
- बैंक पासबुक की एक प्रति
जो किसान पहले इस योजना के तहत आवेदन कर चुके हैं लेकिन भुगतान प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाए, वे भी आवश्यक राशि जमा करके इसका लाभ उठा सकते हैं।
क्यों चुनें सोलर पंप?
सोलर पंप पारंपरिक सिंचाई प्रणालियों का एक पर्यावरण-अनुकूल और किफायती विकल्प हैं। ये महंगे डीजल या अनियमित बिजली पर निर्भरता को कम करते हैं और कृषि में जल प्रबंधन का एक टिकाऊ समाधान प्रदान करते हैं। इसके अलावा, ये पंप कार्बन उत्सर्जन को कम करके पर्यावरण संरक्षण में योगदान करते हैं।
सरकार की दृष्टि: टिकाऊ कृषि
केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई पीएम कुसुम योजना एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य कृषि में नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना है। यह भारत की 2070 तक शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने की प्रतिबद्धता के साथ मेल खाता है, जबकि किसानों को आधुनिक तकनीक से सशक्त बनाता है। इस योजना को उत्तर प्रदेश में अपनाना समावेशी विकास पर ध्यान केंद्रित करता है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि हाशिए पर रहने वाले समुदाय भी इस परिवर्तनकारी पहल के लाभ उठा सकें।
अपील
किसानों को अपने सिंचाई सिस्टम को आधुनिक बनाने और इनपुट लागत को कम करने के इस अवसर का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। 15 दिसंबर की समय सीमा तेजी से निकट आ रही है, इसलिए समय पर आवेदन और भुगतान महत्वपूर्ण हैं। इस सब्सिडी का लाभ उठाकर, किसान न केवल अपनी कृषि उत्पादकता में सुधार कर सकते हैं बल्कि राष्ट्र के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों में भी योगदान दे सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए, upnedakusumc1.in पर जाएं या अपने निकटतम यूपीनेडा कार्यालय से संपर्क करें।
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