पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड़ीयां ने केंद्र सरकार से हाल ही में राज्य के सीमावर्ती जिलों में आई बाढ़ से प्रभावित कृषि भूमि को बहाल करने के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के तहत तत्काल ₹151 करोड़ की वित्तीय सहायता देने की अपील की है।
KhetiGaadi always provides right tractor information
राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन – रबी अभियान 2025 में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में बोलते हुए खुड़ीयां ने बताया कि अभूतपूर्व बाढ़ ने पंजाब के किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, करीब 2,185 गांवों में 5 लाख एकड़ फसलें प्रभावित हुईं, जहां कई जिलों में बड़े पैमाने पर रेत और गाद जमा हो गई है।
सीमावर्ती जिले सबसे ज्यादा प्रभावित
अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर, पठानकोट, कपूरथला, फाजिल्का और फिरोजपुर जिलों में बाढ़ ने खेतों को बुरी तरह तबाह कर दिया, जहां पांच फीट तक रेत और गाद जम गई है। इससे बड़ी मात्रा में जमीन बंजर हो गई है और राज्य की कृषि उत्पादकता पर गंभीर असर पड़ा है।
खुड़ीयां ने कहा, “पंजाब के लोग हमेशा देश के कठिन समय में साथ खड़े रहे हैं। आज हम केंद्र से समर्थन मांग रहे हैं ताकि किसान अपनी आजीविका फिर से पा सकें।”
फंड और कृषि इनपुट की मांग
कृषि मंत्री ने जोर दिया कि आरकेवीवाई की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के तहत समय पर फंड जारी होना बेहद जरूरी है। उन्होंने प्रस्ताव रखा:
- 2 लाख क्विंटल प्रमाणित गेहूं बीज आपूर्ति के लिए ₹80 करोड़ (सीड विलेज प्रोग्राम)।
- गेहूं बीज वितरण के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत ₹25 लाख।
- 637 क्विंटल प्रमाणित सरसों बीज और 375 क्विंटल उड़द बीज बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए।
खुड़ीयां ने रबी सीजन की बोआई को देखते हुए डीएपी और यूरिया की निर्बाध आपूर्ति की भी मांग की और चेतावनी दी कि देरी से किसानों को और मुश्किलें झेलनी पड़ सकती हैं।
लंबित फंड की रिहाई की मांग
नई सहायता के अलावा, पंजाब सरकार ने केंद्र से ₹8,000 करोड़ का ग्रामीण विकास फंड (आरडीएफ) और अन्य रोकी गई रकम जारी करने की मांग की, जिसे राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए अहम बताया गया।
केंद्र का आश्वासन
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब की अपील पर आश्वासन दिया कि केंद्र “सभी आवश्यक कदम” उठाएगा। हालांकि तत्काल वित्तीय पैकेज की घोषणा नहीं हुई, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि फंड आवंटन पर चर्चा जारी है।
पंजाब की कृषि रीढ़ को संजीवनी की जरूरत
बाढ़ ने पंजाब, जिसे भारत का “अनाज का कटोरा” कहा जाता है, को दोहरी मार दी है—एक ओर खड़ी फसलें नष्ट हुईं और दूसरी ओर मिट्टी की उर्वरता प्रभावित हुई। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समय पर मिट्टी सुधार और बीज आपूर्ति नहीं हुई तो किसानों को लंबे संकट का सामना करना पड़ सकता है, जिससे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पर भी असर पड़ेगा।
खुड़ीयां ने कहा, “यह सिर्फ पंजाब का मुद्दा नहीं है, बल्कि भारत की खाद्य उत्पादन क्षमता का सवाल है। हमें तुरंत कदम उठाने होंगे।”
आगे की राह
रबी बोआई सीजन नजदीक होने के साथ, पंजाब की यह अपील केंद्र और राज्य के बीच समन्वित कार्रवाई की तात्कालिकता को दर्शाती है। इन प्रयासों की प्रभावशीलता यह तय करेगी कि न केवल बाढ़ प्रभावित किसान उबर पाते हैं या नहीं, बल्कि भारत की व्यापक कृषि अर्थव्यवस्था कितनी स्थिर रहती है।
खेतीगाड़ी के व्हाट्सएप चैनल से जुड़े रहें और खेती के नवाचारों और सरकारी योजनाओं की ताजा जानकारी पाएं। अधिक जानकारी और मार्गदर्शन के लिए KhetiGaadi पर विजिट करें। किसानों के लिए मार्गदर्शन और कृषि योजनाओं के अपडेट के लिए KhetiGaadi से संपर्क करें:
फोन: 07875114466
ईमेल: connect@khetigaadi.com
To know more about tractor price contact to our executive


