वर्तमान में, देश ने बड़ी मात्रा में खाद्यान्न का उत्पादन किया है। इसी तरह चीनी के उत्पादन में भी भारी बढ़ोतरी हुई है। केंद्र सरकार ने हाल ही में चीनी उत्पादन के आंकड़ों की घोषणा की है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष चीनी के उत्पादन में 6 लाख टन की वृद्धि हुई है। इस साल चीनी उत्पादन में 187 लाख टन से 193 लाख टन वृद्धि हुई है।
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पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष देश में चीनी का उत्पादन अधिक बढ़ा है। जानकारों का कहना है कि अब तक चीनी उत्पादन की स्थिति जस की तस बनी हुई है। इसलिए आने वाले समय में चीनी के भाव में गिरावट दर्ज की जा सकती है। इससे देश की बड़ी आबादी को आर्थिक रूप से लाभ होगा। इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन (इस्मा) के आंकड़े सामने आए हैं। उनके मुताबिक, पिछले 4 महीने में चीनी का उत्पादन 3.42 फीसदी बढ़कर 193.5 लाख टन हो गया है। पिछले साल अक्टूबर से जनवरी के दौरान चीनी का उत्पादन 187.1 लाख टन हुआ था। इस साल 6 लाख टन की बढ़ोतरी हुई है।
देश के प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों में वृद्धि दर्ज की जा रही है। महाराष्ट्र चीनी उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है। इसके बाद उत्तर प्रदेश दूसरे और कर्नाटक तीसरे नंबर पर है। पिछले साल अक्टूबर-जनवरी में महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन 72.9 लाख टन था, इस साल यह बढ़कर 73.08 लाख टन हो गया है। इस बीच, उत्तर प्रदेश में पिछले साल 50.3 लाख टन था। यह अब बढ़कर 51 लाख टन हो गया है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि यह वृद्धि कम है, लेकिन पिछले साल इसी अवधि के दौरान कर्नाटक में चीनी का उत्पादन 38.08 लाख टन था। इस साल यह 39.4 लाख टन रहा है। अन्य राज्यों में चीनी उत्पादन की स्थिति देखें तो करीब 4 लाख टन की वृद्धि देखि गई है।
पिछले साल चीनी कटाई के मौसम में 510 चीनी मिलों ने गन्ने की पेराई की थी। हालांकि इस साल 31 जनवरी तक 520 चीनी मिलों की छटाई की जा रही है। इथेनॉल उत्पादन के लिए भेजा गया शीरा कुल चीनी उत्पादन से अलग होता है। पिछले साल यह 187.1 लाख टन था। हालांकि, विशेषज्ञों ने राय व्यक्त की है कि भारत सरकार ने इथेनॉल उत्पादन पर अधिक जोर देने का निर्णय लिया है।
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