मौसम विभाग (Mausam Update) के अनुसार, तीन दिनों के भीतर एक पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से देश के विभिन्न राज्यों में बारिश और ओलावृष्टि की संभावनाएं हैं। इससे लोगों को तपती गर्मी से कुछ राहत मिलेगी ।
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उत्तर भारत के कई राज्य वर्तमान में लू की चपेट में हैं। मौसम विभाग के अनुसार, जून में उत्तर-पश्चिम भारत और मध्य क्षेत्र के आस-पास के हिस्सों में लू का प्रभाव जारी रहने की संभावना है। हालांकि, 29 मई से एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने जा रहा है, जिससे कई राज्यों में बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है। मौसम विभाग का कहना है कि तीन दिनों बाद होने वाली बारिश से लोगों को झुलसाने वाली गर्मी से कुछ राहत मिल सकती है।
तीन दिनों बाद गर्मी से मिल सकती है राहत:
आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने बताया है कि जून महीने में देश के अधिकांश क्षेत्रों में सामान्य से अधिक तापमान की संभावना है। उत्तर-पश्चिम भारत और मध्य क्षेत्र के आस-पास के इलाकों में भीषण गर्मी के दिन अधिक हो सकते हैं। सामान्यतः इन क्षेत्रों में जून में दो-तीन दिन हीटवेव रहती है, लेकिन इस बार चार से छह दिन तक हीटवेव चलने की संभावना है।
जानिए अपने शहर का मौसम अपडेट (Mausam Update) :
मौसम विभाग (Mausam Update) के अनुसार, देश के उत्तर-पश्चिमी और मध्य हिस्सों में तीन दिनों बाद चिलचिलाती गर्मी से थोड़ी राहत मिलने की संभावना है, क्योंकि पश्चिमी विक्षोभ और अरब सागर से आ रही नमी का असर होने की संभावना है। इस दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में तूफान की गतिविधियां भी हो सकती हैं और पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में बारिश होने की संभावना है।
जून में भी जारी रहेगा लू का असर:
दिल्ली, दक्षिण हरियाणा, दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश और पंजाब में पहले ही पांच से सात दिन हीटवेव के दर्ज किए गए थे, जिनमें अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस से 48 डिग्री सेल्सियस के बीच था। इसके अलावा, 25-26 मई को असम में भी रिकॉर्ड तोड़ तापमान के साथ लू चली थी।
इस साल भारत के अधिकांश राज्यों में भीषण गर्मी ने लोगों के सामने बिजली और पानी का संकट खड़ा कर दिया, जिससे उनका सामान्य जीवन काफी प्रभावित हुआ है। मई में हीटवेव के कारण असम, हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश सहित देश के कई स्थानों पर तापमान अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। इस साल गर्मी की तपिश ने मैदानी इलाकों के साथ-साथ पहाड़ी क्षेत्रों को भी प्रभावित किया है।
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