कृषि में पराली की समस्या को दूर करने के लिए कुछ प्रमुख मशीन है उपयोगी, कृषि वैज्ञानिकों ने दी सलाह

कृषि में पराली की समस्या को दूर करने के लिए कुछ प्रमुख मशीन है उपयोगी, कृषि वैज्ञानिकों ने दी सलाह

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कृषि के क्षेत्र में नए प्रौद्योगिकी एवं तकनीक का विकास

भारत राज्य कृषि प्रधान देश है। वही कृषि के क्षेत्र में निरन्तर प्रयास होते जा रहे है, जहाँ नयी तकनीक एवं प्रौद्योगिकी पर ज़्यादा ज़ोर दिया रहा है। वहीं भारतीय किसानों का भी इन नयी तकनीक एवं प्रौद्योगिकी को जानना जरुरी है। यदि वे इन नयी तकनीक को अपने कृषि कार्यों के लिए उपयोग में नहीं लाते है तो वे पीछे रह जाएंगे। इसलिए कृषि वैज्ञानिकों ने ख़ास किसानों के लिए हैं एहम सलाह दी है।

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बोरलाग इंस्टीट्यूट फॉर साउथ एसिया के डॉ राजकुमार जाट, बिसा, पूसा के इंचार्ज और वरिष्ठ वैज्ञानिक ने मीडिया में बताया कि, कृषि क्षेत्र में फसल अवशेष एक बहुत बड़ी समस्या बनी हुई हैं। इससे न केवल किसानों को बल्कि सरकार के लिए भी परेशानी का कारण बन चुका है। नयी तकनीक के प्रयोग न किये जाने पर किसानों के पास पराली जलने के आलावा कोई चारा नहीं रहता है, परंतु पराली जलाने के नुकसान भी देखे जा रहे है जिसका असर प्रदूषण है और इससे हर कोई परेशान है। फसल अवशेष प्रबंधन (क्रॉप रेसिडू मैनेजमेंट) ही इन सबका समाधान है तथा आधुनिक कृषि यंत्रों में महत्वपूर्ण योगदान शामिल है।

फसल अवशेष जलाने से किसानों को हो सकता है नुकसान

वैज्ञानिकों के अनुसार, फसल अवशेष में आग लगने से प्रदूषण बढ़ने के साथ साथ खेत की मिट्टी का तापमान बढ़ता है जिसकी ऊपरी सतह सख्त होती है जिससे खेत के उपजाऊपन को कम करती है। फसल अवशेष का सही उपयोग कर किसानों को फायदे में लाया जा सकता है। पराली के समय प्रयोग में लाये जाने वाले उपकरण किसानों के लिए काफी मददगार हो सकते है। फसलों कि उपज को बढ़ने के साथ साथ खेत को उपजाऊ बनाते है। साथ ही लोगों को भी प्रदूषण से छुटकारा मिलेगा।

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जमीन की उर्वरक शक्ति को बढ़ावा देना

डॉ राजकुमार जाट ने कहा कि, फसल अवशेष प्रबंधन वाली मशीनों का प्रयोग करके खेत की उपजाऊ शक्ति को बचाने के साथ साथ उसे बरकरार भी रखा जा सकता हैं। किसान कुछ कृषि मशीनों का उपयोग कर उसे लाभ उठा सकते हैं। मशीनों की खरीद पर राज्य सरकारें किसानों को सब्सिडी भी देती है। किसान मशीन को खरीदने के बाद फसल अवशेष का प्रबंधन आसानी से कर सकते हैं।

कुछ प्रमुख मशीन जैसे हैप्पी सीडर, कंबाइन हार्वेस्टर मशीन, मल्चर, जीरो टिलेज मशीन, सुपर सीडर और स्ट्रॉ बेलर का प्रयोग कर किसान पराली की समस्या को दूर कर सकते हैं। इसके प्रयोग से खेत की उत्पादकता के साथ-साथ उर्वरा शक्ति में बढ़ोत्तरी हो सकती हैं।

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