उत्तर प्रदेश को ‘आत्मनिर्भर ‘ बनाने के लक्ष्य के साथ, योगी आदित्यनाथ सरकार ने कृषि क्षेत्र पर ध्यान देने के साथ राज्य विधानसभा में २०२१-२०२२ के लिए ५,५०,२७०.७८ करोड़ रुपये का बजट पेश किया।
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२०२२ तक किसानों की आय दोगुनी करने के मद्देनजर, वर्ष २०२१-२२ में आत्मनिर्भर कृषक सम्मान योजना के लिए १०० करोड़ रुपये का परिव्यय प्रस्तावित किया गया है। मुख्यमंत्री कृषक दुर्गाशक्ति कल्याण योजना के लिए ६०० करोड़ रुपये का परिव्यय प्रस्तावित किया गया है।
वित्तीय वर्ष २०२१-२०२२ में १५ हजार सौर पंप स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वित्तीय वर्ष २०२१-२०२२ में ६४४ लाख मीट्रिक टन और १३ लाख मीट्रिक टन तेल उत्पादन का खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
७०० करोड़ रुपये का प्रावधान किसानों को मुफ्त पानी की सुविधा के लिए किया गया है। किसानों को रियायती दरों पर फसली ऋण प्रदान करने के लिए ४०० करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
वर्ष २०२० -२०२१ के लिए, खरीफ का उत्पादन लक्ष्य २२३ लाख मीट्रिक टन, रबी का लक्ष्य ४१७ लाख मीट्रिक टन और तिलहन का लक्ष्य १२ लाख मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है। २०२१ -२०२२ में ६२ लाख ५० हजार क्विंटल बीजों के वितरण का लक्ष्य प्रस्तावित है।
गन्ना विकास और चीनी उद्योग के क्षेत्र में, पिपराईच चीनी मिल में प्रति दिन १२० किलोलीटर क्षमता का आसवन स्थापित किया जाएगा, जो दिसंबर २०२१ में शुरू होगा। इसमें इथेनॉल के निर्माण की सुविधा होगी।
जहां तक कृषि शिक्षा और अनुसंधान का संबंध है, नवीनतम कृषि सूचनाओं के प्रसार के लिए २० नए कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित करने का निर्णय। २० कृषि विज्ञान केंद्रों में से १७ चालू हैं। शेष ३ कृषि विज्ञान केंद्र के लिए भूमि हस्तांतरण और कार्यान्वयन की प्रक्रिया चल रही है।
सिंचाई और जल संसाधन क्षेत्र में, वर्ष २०२१ -२२ में ८ परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य है।
पिपराईच चीनी मिल उत्तर भारत में गन्ने के रस से सीधे इथेनॉल बनाने वाली पहली चीनी मिल होगी। निगम क्षेत्र की मोहिउद्दीनपुर-मेरठ चीनी मिल की पेराई क्षमता २५०० टीसीडी से बढ़कर ३,५०० टीसीडी कर दी गई।
राज्य में १,००,००० गन्ना किसानों को लाभान्वित करने के लिए मोहिउद्दीनपुर-मेरठ चीनी मिल की पेराई क्षमता को ३,५०० टीसीडी से बढ़ाकर ५,००० टीसीडी करने का लक्ष्य प्रस्तावित है।
जहां तक पशुपालन विभाग का सवाल है, बजट का उद्देश्य नस्ल को उन्नत करना, पशु स्वास्थ्य, रोग नियंत्रण, पशुधन बीमा, नए पशु चिकित्सा अस्पतालों का निर्माण और गौ-संरक्षण केंद्रों की स्थापना के साथ-साथ अस्थायी गौ-आश्रय की स्थापना करना है।
माछुवा दुर्घटना बिमा योजना के तहत २ लाख मछुआरों को मुफ्त प्रीमियम के लिए कवर किया जाना प्रस्तावित है। नई योजना प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ’के लिए २४३ करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रधान मंत्री सुक्ष्मा योजना उद्योग योजना के लिए ४०० करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
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