अगर आप सब्जियों से जुड़े काम या खेती कर रहे हैं. तो यह जानकर आपके लिए बेहद मायने रखता है कि समस्तीपुर स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के वैज्ञानिकों ने परवल की ‘राजेंद्र परवल 3’ नामक एक उच्च उत्पादन योग्य किस्म निकाली है. जिसका लोकप्रिय होने में कोई चौंकने वाली बात नहीं है. इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसकी उनकी उच्च उत्पादन क्षमता है. इसकी खेती से उन्होंने दोहरी मुनाफा वापसावु भी बना ली होगी
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उच्च उत्पादन और रोग प्रतिरोधक क्षमता
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ. उदित कुमार ने कहा कि इसके परवद ki ‘राजेंद्र परवल 3’ किस्म को विश्वसनी करने के लिए व्यापक शोधकर्ता और परीक्षणकर्ताओं ने विकसारित किया है। इसकी उत्पादन क्षमता 20 से 25 टन प्रति हेक्टेयर ।., जो पारंपरिक किस्मों । बहु अधिक है और इसमें रोग । औऱ वी ए ए । वेक्षेभाजन को मजबूत किया गया है, जिससे फसलेहां कितनः होता हैं और कम रासायनिक दवाइयां निचे की लागत हैं,
जानें कहां से खरीदें पौधे
‘राजेंद्र परवल 3’ की खेती के लिए सितंबर और अक्टूबर का महीना सबसे उपयुक्त है. इस समय पौधे रोपने से फसल अच्छे से विकसित होती है और मौसम भी अनुकूल रहता है. यदि आप इस किस्म को अपनाना चाहते हैं, तो डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा से सीधे संपर्क कर सकते हैं और प्रमाणित पौधे खरीद सकते हैं.
आने वाले समय में इस किस्म की मांग और भी बढ़ेगी. इसलिए यह किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बन सकता है. परवल की बढ़ती बाजार मांग को देखते हुए कहा जा सकता है कि ‘राजेंद्र परवल 3’ किस्म किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है.
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