कृषि क्षेत्र के व्यापार में हुई वृद्धि

कृषि क्षेत्र के व्यापार में हुई वृद्धि

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कृषि क्षेत्र में सन २०२१ में नए व्यापार में पंजीकरण में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गयी है। यह वृद्धि १०३ प्रतिशत रही जो पिछले वर्ष में ६,१०७ की तुलना में इस वर्ष २०२१ में १२,३६८ थी।

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‘बिजनेस डायनेमिज्म इन इंडिया’ पर श्वेत पत्र से पता चला है कि विनिर्माण क्षेत्र में वित्त वर्ष २०११ में ३९,५३९ पंजीकरण हुए, जो वित्त वर्ष २०१० में २६,४०६ थे, जो ५० प्रतिशत की वृद्धि थी।

यह भी देखा गया है कि, २०२१ में व्यवसाय पंजीकृत की कुल संख्या १,९५,८८० रही जो सबसे अधिक देखि गयी है।

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“जबकि कृषि क्षेत्र ने वित्त वर्ष २०११ में १२,३६८ पंजीकरण देखे, जो वित्त वर्ष २०११ में ६,१०७ थे, सेवा क्षेत्र ने भी वित्त वर्ष २०११ में ८३,०७९ में सबसे अधिक पंजीकरण के साथ अच्छा प्रदर्शन किया और १४ प्रतिशत की वृद्धि दर देखी।”

महामारी और बाद की लहरों के बावजूद भी नए व्यवसायों की जन्म दर ने वित्त वर्ष २०१६ में ७.८ प्रतिशत से वित्त वर्ष २०१५ में १०.२ प्रतिशत और वित्त वर्ष २०११ में ११.६ प्रतिशत की वृद्धि में गति देखि गयी है।

सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार, कुछ नए उपक्षेत्रों में पंजीकरण प्राप्त हुए हैं इनमें शामिल है, रसायन निर्माण, खाद्य और तरह के उत्पाद निर्माण, सामाजिक सेवाओं,शैक्षिक सेवाओं और कंप्यूटर से संबंधित सेवाओं आदि।

वही उप-क्षेत्रों में शामिल मरम्मत सेवाओं,रेस्तरां, टिकाऊ वस्तुओं के थोक व्यापार, परिवहन सेवाओं, आदि जैसे व्यापार पंजीकरण में कमी देखी गई।

बेंगलुरु, चेन्नई, मुंबई,नई दिल्ली जैसे मुख्यधारा के स्थानों के बाहर पंजीकृत होने वाले व्यवसायों की हिस्सेदारी बढ़ रही है।

वित्त वर्ष २०१७ में ५५ प्रतिशत की तुलना में वित्त वर्ष २०११ में शीर्ष १० शहरों में केवल ४२ प्रतिशत नए व्यापार पंजीकरण हुए।

जबकि महामारी ने व्यापार परिदृश्य को नाटकीय रूप से बदल दिया, इसने खुद को एक अवसर के रूप में प्रस्तुत किया, और कई व्यवसायों ने विकसित रुझानों पर पूंजीकरण किया, जिससे व्यापार पंजीकरण में वृद्धि हुई। डन एंड ब्रैडस्ट्रीट के प्रबंध निदेशक और सीईओ (भारत) अविनाश गुप्ता ने कहा कि, “वित्त वर्ष २०११ में लगभग १,९५,८८० व्यवसाय पंजीकृत किए गए, जो एक रिकॉर्ड उच्च है।

अधिकांश नए पंजीकृत व्यवसाय उन क्षेत्रों में केंद्रित हैं, जिनकी मांग में महामारी से प्रेरित स्पाइक और ९६ प्रतिशत रही है।”

आधारिक बयान के अनुसार,”इसलिए, ऐसे उद्यमों के साथ साझेदारी करने वाले व्यवसायों को अपने पोर्टफोलियो की लगातार निगरानी करने और अपनी पूंजी की सुरक्षा के लिए रेड फ्लैग अलर्ट स्थापित करने की आवश्यकता है।”

फर्म के ग्लोबल चीफ इकोनॉमिस्ट अरुण सिंह ने कहा कि, “महामारी ने कारोबार के संचालन के तरीके में काफी बदलाव किया है।

सिंह ने कहा कि कुछ क्षेत्रों जैसे कि खाद्य और अन्य उत्पादों के निर्माण, कंप्यूटर से संबंधित सेवाओं, शैक्षिक सेवाओं आदि में व्यवसाय पंजीकरण में अच्छी वृद्धि देखी गई है।”

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