2024-25 सीजन में 6 लाख टन सेब का आयात होने की संभावना
भारत में 2024-25 विपणन सीजन के दौरान सेब के आयात में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिलेगी। USDA इंडिया पोस्ट के अनुसार, आयात में 10% की वृद्धि हो सकती है, जो पिछले सीजन में आयातित 5.44 लाख टन से बढ़कर 6 लाख टन तक पहुंच सकता है। इस वृद्धि का मुख्य कारण प्रीमियम सेब की बढ़ती मांग और देश में सेब की खपत में इजाफा है।
KhetiGaadi always provides right tractor information
मौसमी प्रवृत्तियां और बढ़ती मांग
सेब का आयात जुलाई से बढ़ने की संभावना है, जो नए विपणन सीजन की शुरुआत के साथ मेल खाता है। इस साल भारत में सेब का घरेलू उत्पादन 25.5 लाख टन है, जो पिछले साल के 24.1 लाख टन से 6% अधिक है। इसके बावजूद, विशेष रूप से प्रीमियम और आयातित सेबों की मांग आपूर्ति से अधिक बनी हुई है।
स्थानीय सेब सीजन के नवंबर में समाप्त होने के बाद, आयातित सेब इस आपूर्ति अंतर को भर सकते हैं। व्यापारियों का अनुमान है कि पूरे साल उच्च मांग आयात की आवश्यकता को बढ़ाएगी, खासकर शहरी बाजारों में जहां प्रीमियम सेबों की लोकप्रियता अधिक है।
👉 जैविक तरीकों से अपने उत्पादन को बेहतर बनाने के लिए KhetiGaadi काउंसलर से 07875114466 पर संपर्क करें या हमें connect@khetigaadi.com पर ईमेल करें।
मजबूत घरेलू सेब आपूर्ति और बाजार प्रदर्शन
जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे प्रमुख राज्यों से इस साल सेब का उत्पादन बेहतर हुआ है। इसके बावजूद, आयातित सेबों की मांग मजबूत बनी हुई है। फ्रेश फ्रूट अलायंस के संस्थापक प्रशांत गिडवानी जैसे उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में घरेलू और आयातित दोनों प्रकार के सेबों की मांग बनी रहेगी।
प्रीमियम सेब आयात में बढ़त का प्रमुख कारण
भारत में प्रीमियम सेबों की बढ़ती पसंद, जो मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, इटली और पोलैंड जैसे देशों से मंगाए जाते हैं, आयात में तेजी ला रही है। ईरान और तुर्की से आयातित सेबों ने भी भारतीय बाजार में अपनी जगह बना ली है।
आयातक बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अपनी गतिविधियों को बढ़ा रहे हैं। उदाहरण के लिए, भारतीय सेब आयातक कंपनी ज़ायन एग्रीकोस ने इस सीजन में 50 कंटेनर आयात करने की योजना बनाई है, जो पहले मंगाए गए 6 कंटेनरों की तुलना में काफी अधिक है। इनमें से 40 कंटेनर पोलैंड से मंगाए जाएंगे, जिससे आयात स्रोतों में विविधता का संकेत मिलता है।
नवंबर से अगस्त तक बाजार में आयातित सेबों का दबदबा
स्थानीय सेब सीजन समाप्त होने के साथ, नवंबर से लेकर अगले साल अगस्त तक आयातित सेबों की मांग चरम पर रहेगी। इस अवधि में आयातित सेबों की कीमतें बढ़ने की संभावना है, क्योंकि इनकी मांग अधिक होती है और ये प्रीमियम किस्में होती हैं।
भारत में सेब की बढ़ती मांग, चाहे वह घरेलू हो या आयातित, उपभोक्ताओं की बदलती प्राथमिकताओं और उनके आहार में प्रीमियम फलों के बढ़ते महत्व को दर्शाती है। जैसे-जैसे बाजार का विस्तार हो रहा है, स्थानीय उत्पादक और आयातक दोनों इस फल में स्थिर रुचि से लाभान्वित हो रहे हैं। हालांकि, सेब बाजार को दीर्घकालिक रूप से बनाए रखने के लिए स्थानीय उत्पादन और आयात के बीच संतुलन बनाना महत्वपूर्ण रहेगा।
कृषि योजनाओं और नवाचारों की वास्तविक समय की जानकारी के लिए हमें व्हाट्सएप पर फॉलो करें या KhetiGaadi की वेबसाइट पर नियमित रूप से विजिट करें।
To know more about tractor price contact to our executive
My brother recommended I would possibly like this web site.
He was totally right. This post actually made my day. You can not consider just how much time
I had spent for this information! Thank you!