राष्ट्रीय पशुधन मिशन (Rashtriya Pashudhan Mission) के अंतर्गत छोटे पशुपालकों को सहायता प्रदान की जाती है और पशुओं की नस्ल सुधारने में भी सहयोग किया जाता है। इस योजना के तहत सरकार विभिन्न प्रकार के पशुओं के लिए पशुपालकों को वित्तीय सहायता भी उपलब्ध कराती है।
राष्ट्रीय पशुधन मिशन (Rashtriya Pashudhan Mission): सरकार द्वारा किसानों और पशुपालकों के लिए कई उत्कृष्ट योजनाएँ संचालित की जाती हैं। इन्हीं योजनाओं में से एक है राष्ट्रीय पशुधन मिशन, जिसे छोटे पशुपालकों की सहायता और पशुओं की नस्ल सुधारने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। इस मिशन के तहत रोजगार सृजन, उद्यमिता विकास और प्रति पशु उत्पादकता बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
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ज्ञात हो कि राष्ट्रीय पशुधन मिशन (Rashtriya Pashudhan Mission) में तीन उप-मिशन शामिल हैं। ये उप-मिशन इस प्रकार हैं: पशुधन और कुक्कुट के नस्ल विकास पर उप-मिशन, फीड और चारा विकास पर उप-मिशन, और नवाचार तथा विस्तार पर उप-मिशन।
राष्ट्रीय पशुधन मिशन का उद्देश्य:
- छोटे जुगाली करने वाले पशुओं, कुक्कुट, और सूअर पालन क्षेत्र में उद्यमिता विकास के माध्यम से रोजगार का सृजन करना।
- नस्ल सुधार के माध्यम से प्रति पशु उत्पादकताको बढ़ावा देना ।
- मांस, अंडा, बकरी का दूध, ऊन और चारे के उत्पादन को बढ़ाना।
- चारा बीज आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना और प्रमाणित चारा बीज की उपलब्धता के माध्यम से मांग को पूरा करना।
- चारा प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करके मांग-आपूर्ति के अंतर को कम करना।
- किसानों को पशुधन बीमा और जोखिम प्रबंधन सुविधाएं प्रदान करना।
- मुर्गी, भेड़, बकरी पालन और चारा उत्पादन की प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में उचित अनुसंधान को प्रोत्साहित करना।
- राज्य के पदाधिकारियों और पशुपालकों को सुदृढ़ विस्तार मशीनरी के माध्यम से किसानों को उत्कृष्ट विस्तार सेवाएं प्रदान करने की क्षमता देना।
- पशुधन उत्पादन को बेहतर बनाने और उत्पादन लागत को कम करने के लिए कौशल आधारित प्रशिक्षण और प्रौद्योगिकियों का प्रसार करना।
स्कीम के लिए पात्र संस्थाएं:
सरकार की इस सुविधा (Rashtriya Pashudhan Mission) का लाभ निजी व्यक्ति, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), किसान सहकारिताएं (एफसीओ), संयुक्त देयता समूह (जेएलजी) और धारा 8 की कंपनियां आसानी से उठा सकती हैं।
स्कीम के पात्र मानदंड:
- उद्यमी स्वयं प्रशिक्षित हो या परियोजना चलाने के लिए प्रशिक्षित विशेषज्ञों की नियुक्ति की होनी चाहिए।
- स्वीकृत ऋण या स्व-वित्तपोषित परियोजनाओं के लिए बैंक गारंटी होनी चाहिए।
- स्वयं की भूमि या लीज पर ली गई भूमि होनी चाहिए।
- KYC से संबंधित सभी दस्तावेज होने चाहिए।
राष्ट्रीय पशुधन मिशन में मिलती है इतनी राशि की मदद:
- हैचिंग अंडों और चूजों के उत्पादन और मदर यूनिट में चार सप्ताह तक चूजों को पालने के लिए (न्यूनतम 1000 पैरेंट लेयर्स के साथ) पैरेट फार्म, ग्रामीण हैचरी, ब्रूडर सहित मदर यूनिट की स्थापना के लिए 25 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता मिलती है।
- भेड़ और बकरी प्रजनन यूनिट की स्थापना के लिए लगभग 50 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
- केंद्र या राज्य सरकार, विश्वविद्यालय के सूअर ब्रीडिंग फार्मों या स्थानीय किसानों से उच्च वंश के गुणवत्ता वाले न्यूनतम 100 शिकारियों और 10 सूअरों के साथ ब्रीडर फार्म की स्थापना के लिए लगभग 30 लाख रुपये तक की सहायता मिलती है।
- हे/साइलेज/कुल मिश्रित राशन (टी.एम.आर) तैयार करने, चारा ब्लॉक बनाने या चारे के भंडारण की सुविधा के लिए चारा मूल्यवर्धन इकाई स्थापित करने के लिए करीब 50 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जाती है।
राष्ट्रीय पशुधन मिशन में आवेदन की प्रक्रिया:
- www.nlm.udyamimitra.in पर एक ऑनलाइन फार्म भरना होगा।
- राज्य कार्यान्वयन एजेंसियां पहले आवेदन को देखेंगे।
- फिर ऋणदाता ऋण स्वीकार करेगा।
- राज्य स्तरीय कार्यकारिणी समिति (SLC) इसके बाद अनुशंसा करेगी।
- पशुपालन और डेयरी विभाग सब्सिडी को मान्यता देगा।
- समाप्त में, सब्सिडी जारी की जाती है और इसका वितरण किया जाता है।
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