जल सिंघाड़ा और औषधीय पौधों की खेती के लिए सरकार अनुदान और सब्सिडी प्रदान कर रही है।

जल सिंघाड़ा और औषधीय पौधों की खेती के लिए सरकार अनुदान और सब्सिडी प्रदान कर रही है।

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किसानों के लिए खुशखबरी! बागवानी फसलों को बढ़ावा देने के लिए, सरकार औषधीय पौधों और जल सिंघाड़ा की खेती के लिए सब्सिडी प्रदान कर रही है।

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मध्यप्रदेश में सरकारी अधिकारियों के अनुसार राज्य में बागबानी किसानों को शाहबलूत, औषधीय पौधों आदि की खेती के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।  

सरकार की पॉली हाउस एवं शेड नेट योजना के तहत डीबीटी के माध्यम से किसानों को किश्तों के रूप में राशि या अनुदान दिया जाएगा।

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बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भरत सिंह कुशवाहा ने मीडिया को बताया कि मध्य प्रदेश में बागवानी क्षेत्र का विस्तार करने और किसान हितैषी विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन की गारंटी देने के लिए जिला स्तर पर जिला बागवानी सलाहकार समितियों का गठन किया जाएगा। साथ ही संबंधित जिले के किसानों को समितियों का सदस्य बनाया जाएगा।

कुशवाहा ने यह भी बताया कि राज्य में जैविक बागवानी को बढ़ावा देने के लिए किसानों से प्राप्त सुझावों के आधार पर कार्यक्रम की योजना बनाई जाएगी और उसे क्रियान्वित किया जाएगा। 

किसानों की मांग एवं आवश्यकता के अनुरूप विभिन्न बागवानी फसलों के भंडारण के लिए कोल्ड-स्टोर, प्याज स्टोर-हाउस, पैक-हाउस के निर्माण का लक्ष्य जिलों को दिया जाएगा। 

किसानों को उन्नत किस्म के बीज और पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे

मंत्री ने आगे कहा कि बागबानी उत्पादकों की मांग को ध्यान में रखते हुए विभाग उन्नत किस्म के बीज और पौधे उपलब्ध कराएगा। 

कुशवाहा ने कहा कि विभाग द्वारा किसानों की मांग के अनुरूप अमरूद का वीएनआर वर्फ खाना, पिंक ताईवान आदि विशेष किस्मों के पौधे बागबानी किसानों को उपलब्ध कराये जायेंगे। 

उन्होंने कहा कि सरकार ने पॉली हाउस एवं शेड नेट योजना के तहत किसानों को अनुदान/वित्तीय सहायता की राशि डीबीटी के माध्यम से किश्तों में देने का निर्णय लिया है। 

मंत्री ने बताया कि औषधीय फसलों के बीज पर अनुदान, “एक जिला-एक उत्पाद” के तहत बैंक स्तर पर लंबित मामलों के निपटारे, बीज की गुणवत्ता परीक्षण, उर्वरकों, दवाओं और किसानों द्वारा दिए गए अन्य सुझावों के लिए भी निर्णय लिए गए हैं।

कृषि क्षेत्र की वायर फेंसिंग के लिए अनुदान प्रदान किया जाएगा

कुशवाहा ने अंत में कहा कि बागवानी फसलों को आवारा पशुओं व जंगली जानवरों से सुरक्षित रखने के लिए कृषि क्षेत्र की तार बाड़ लगाने के लिए अनुदान प्रदान करने के लिए शीघ्र ही एक योजना शुरू की जाएगी।

सिंघाड़े की खेती के फायदे

सिंघाड़े की खेती की खास बात यह है कि इसे साल भर किया जा सकता है। क्योंकि व्रत (धार्मिक अवसरों) में सिंघाड़े के आटे का प्रयोग किया जाता है इसलिए इसके अच्छे दाम मिलते हैं। 

ड्राई वाटर चेस्टनट की कीमत १२० रुपये प्रति किलो तक है। इसकी सबसे ज्यादा कीमत उत्तर प्रदेश और बिहार में मिलती है।

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