आईसीएआर के महानिदेशक हिमांशु पाठक ने कहा कि इस पोर्टल के शुरू होने से पूरे भारत में लाखों किसानों और कृषि उद्यमियों को फायदा होगा। इसके माध्यम से, कृषि उत्पादों को डिजिटल बनाने की प्रक्रिया में क्रांति ला सकता है।
एटारी ई-मार्केटप्लेस को बढ़ाने और शुरू करने के लिए, सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (सी-डैक) और आईसीएआर-आईएएसआरआई की विशेषज्ञता का सहारा लिया जाएगा। साथ ही, इन उत्पादों के ऑनलाइन बेचने के लिए लॉजिस्टिक्स और डिलीवरी के लिए डेल्हीवेरी और भारतीय डाक के साथ साझेदारी भी की जाएगी।
KhetiGaadi always provides right tractor information
किसी भी फसल की खेती करने के लिए उत्तम किस्म के गुणवत्ता वाले बीज का उपलब्ध होना आवश्यक है। बेहतर बीज से गुणवत्ता और उत्पादन दोनों ही अच्छे होते हैं, जिससे किसानों को अधिक मुनाफा होता है। हरियाणा सरकार इसी को ध्यान में रखते हुए मूंग की खेती को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी प्रदान करने जा रही है, ताकि किसानों को अतिरिक्त कमाई हो सके।
वास्तव में, हरियाणा सरकार ने मूंग की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को मूंग की बीज पर सब्सिडी प्रदान करने का निर्णय लिया है। इसका कारण है कि मूंग की खेती से कई फायदे होते हैं। पहले, यह खेत की उर्वरा शक्ति को बढ़ाती है और बाजार में इसकी उच्च कीमत मिलती है, जिससे किसानों की आय भी बढ़ती है। चलिए जानते हैं कि मूंग के बीज पर सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए किसानों को क्या करना होगा।
इस सब्सिडी का लाभ कैसे मिलेगा?
किसानों को एक लाख एकड़ क्षेत्र में बुवाई के लिए ग्रीष्मकालीन मूंग का बीज प्रदान किया जाएगा। इसमें किसानों को केवल बीज के लिए 25 प्रतिशत राशि देनी होगी। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के पोर्टल एग्री हरियाणा डॉट जीओवी डॉट इन पर 10 मार्च से 15 अप्रैल के बीच किसानों को रजिस्ट्रेशन करना होगा। किसान को बीज लेते समय किसान कार्ड, वोटर कार्ड या आधार कार्ड बिक्री केन्द्र पर दिखाना होगा।
इस योजना के तहत किसानों को ग्रीष्मकालीन मूंग की एमएच 421 वैरायटी की बीज उपलब्ध कराई जाएगी, जो काफी उत्तम क्वालिटी की है। इस किस्म की बीज की फसल केवल 60 दिनों में तैयार हो जाती है, और इसमें सामान्य उपज 4 से 8 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
अधिक माहितीसाठी डाउनलोड करा खेतिगाडी ऍप.
To know more about tractor price contact to our executive