झारखंड सरकार ने छोटे और सीमांत किसानों के लिए ‘जोड़ा बैल वितरण योजना’ शुरू की है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य किसानों को खेत जोतने के लिए बैल प्रदान करना, खेती की लागत को कम करना, और खेती के लिए आसानी से गोबर उपलब्ध कराना है।
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बैल खरीद पर सब्सिडी: किसानों को सशक्त और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सरकार कई महत्वपूर्ण योजनाओं का संचालन कर रही है। इसके साथ ही, पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं, विशेषकर छोटे और सीमांत किसानों के लिए जो अपने छोटे खेतों में पशुओं का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। इसी संदर्भ में, झारखंड सरकार ने छोटे और सीमांत किसानों के लिए ‘जोड़ा बैल वितरण योजना’ शुरू की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को खेत जोतने के लिए बैल उपलब्ध कराना, खेती की लागत को कम करना, और गोबर की आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
बैल खरीद पर 90 प्रतिशत की सब्सिडी
झारखंड सरकार की ‘जोड़ा बैल वितरण योजना’ के अंतर्गत किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान पर एक जोड़ा बैल प्रदान किया जाएगा। एक जोड़े बैल की सरकारी कीमत लगभग 40,000 रुपये हो सकती है,किसानों को केवल 4,000 रुपये का अंशदान देना होगा, जबकि शेष 36,000 रुपये सरकार द्वारा प्रदान किए जाएंगे। इसके बाद, किसानों को 40,000 रुपये का चेक बैंक से प्राप्त होगा। जिससे वे बैल खरीद सकेंगे। हालांकि, बैलों की खरीदारी केवल जिला पशुपालन यार्ड में लगे शिविर से व्यापारी के माध्यम से ही करनी होगी। दोनों बैलों का बीमा होगा और उनकी उम्र 3 से 4 वर्ष के बीच होगी।
किन किसानों को होगा लाभ
‘जोड़ा बैल वितरण योजना’ के तहत अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, और आदिम जनजाति के बीपीएल श्रेणी के लाभार्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी। लाभार्थियों का चयन ग्राम स्तर पर किया जाएगा। ग्राम सभा द्वारा चयनित लाभार्थियों का आवेदन प्रखंड स्तरीय चयन समिति के माध्यम से पशुपालन अधिकारी को भेजा जाएगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी का प्रखंड के पंचायत का निवासी होना अनिवार्य है। साथ ही, लाभार्थी का खेती से जुड़ा होना और उसके पास खेती के लिए भूमि होना जरूरी है। लाभार्थी को बीपीएल श्रेणी में भी होना चाहिए।
योजना का लाभ कैसे प्राप्त करें
झारखंड सरकार द्वारा किसानों के हित में यह एक महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत लाभार्थियों का चयन पंचायत स्तर पर ग्राम सभा के माध्यम से किया जाएगा। योजना का लाभ पाने के लिए किसान को ग्राम सभा के माध्यम से आवेदन करना आवश्यक होगा। ग्राम सभा की अनुशंसा के बाद आवेदन प्रखंड कार्यालय में जमा किया जाएगा। इसके बाद, जिला पशुपालन अधिकारी द्वारा लाभार्थियों का चयन किया जाएगा। किसान इस योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए अपने जिला पशुपालन अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
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