बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुई मवेशियों की मौत पर किसानों और पशुपालकों को अब मुआवजा मिलेगा। देश के कई हिस्सों में बाढ़ और आपदाओं से भारी नुकसान हो चुका है, जिसमें लोगों की जानें गई हैं और बड़ी संख्या में मवेशियों की भी मौत हुई है। इस स्थिति को देखते हुए, सरकार ने एक विशेष योजना के तहत मुआवजा देने का निर्णय लिया है।
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इस योजना के तहत, प्रभावित किसानों और पशुपालकों को मवेशियों की मौत के लिए मुआवजा प्रदान किया जाएगा। मुआवजे की राशि और प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए, किसान और पशुपालक संबंधित सरकारी विभागों या वेबसाइट्स से संपर्क कर सकते हैं। इस योजना का उद्देश्य बाढ़ और आपदा के कारण हुए वित्तीय नुकसान को कुछ हद तक कम करना है।
सरकार के नए फैसले से किसानों को अब मिलेगी राहत:
बिहार में बाढ़ ने हजारों किसानों को उनके घरों से बेघर कर दिया और मवेशियों की जान भी ले ली। इस स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने किसानों के लिए एक नई योजना शुरू की है, जिसके तहत बाढ़ के कारण मरे हुए पशुओं के लिए मुआवजा दिया जाएगा। सरकार के इस निर्णय से किसानों को बड़ी राहत मिली है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को आर्थिक नुकसान से उबरने में मदद करना है।
पशुओं की मौत पर मिलेगा कितना मुआवजा?
पशु और मत्स्य संसाधन विभाग के अनुसार, प्राकृतिक आपदाओं या राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित स्थानीय आपदाओं के दौरान अगर पशुओं की मृत्यु होती है, तो बिहार सरकार द्वारा सहायता अनुदान प्रदान किया जाएगा। बाढ़ या आपदा के कारण पशु मृत्यु होने पर सहायता अनुदान की दर निम्नलिखित है:
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अनुसार बाढ़ या आपदा में पशुओं की मृत्यु पर मुआवजा राशि इस प्रकार है:
- दुधारू पशु: गाय, भैंस, ऊंट, याक, मिथुन आदि की बाढ़ या आपदा में मृत्यु होने पर प्रति पशु ₹37,500 का मुआवजा मिलेगा। एक परिवार को अधिकतम 3 दुधारू पशुओं का मुआवजा प्रदान किया जाएगा।
- अन्य पशु: बकरी, भेड़, और सुकर की बाढ़ या आपदा में मृत्यु पर प्रति पशु ₹4,000 का मुआवजा दिया जाएगा। प्रति परिवार को अधिकतम 30 अन्य पशुओं का मुआवजा प्राप्त होगा।
- भारवाही पशु: बैल, ऊंट, घोड़ा आदि की बाढ़ या आपदा में मृत्यु पर प्रति पशु ₹32,000 का मुआवजा दिया जाएगा। प्रति परिवार को अधिकतम 3 भारवाही पशुओं का ही मुआवजा मिलेगा।
- बछड़ा, खच्चर, गदहा, टट्टू: इन पशुओं की बाढ़ या आपदा में मृत्यु पर प्रति पशु ₹20,000 का मुआवजा प्रदान किया जाएगा। प्रति परिवार को अधिकतम 6 ऐसे पशुओं का मुआवजा मिलेगा।
- पोल्ट्री: मुर्गी पालन करने वालों को मुर्गियों की बाढ़ या आपदा में मृत्यु पर प्रति मुर्गी ₹100 का मुआवजा मिलेगा। प्रति परिवार को अधिकतम ₹5,000 तक का मुआवजा प्रदान किया जाएगा।
अनुदान कैसे प्राप्त करें?
बाढ़ या आपदा के कारण अगर किसी पशु की मृत्यु होती है, तो किसान या पशुपालक को सबसे पहले संबंधित अधिकारी को सूचित करना होगा। अधिकारी पशुओं की मृत्यु की जांच और पुष्टि करेंगे। पुष्टि के बाद, मुआवजे की राशि सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
अधिक जानकारी के लिए:
योजना से संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए आप बिहार, पटना स्थित पशुपालन निदेशालय के आपदा कोषांग से संपर्क कर सकते हैं। इसके लिए आप 0612-2230942 पर कॉल कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, आप पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान, बिहार से भी संपर्क कर सकते हैं। उनकी जानकारी के लिए 0612-2226049 पर कॉल करें।
अधिक जानकारी के लिए डाउनलोड कीजिए खेतिगाडी ऍप.
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