वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन के विकास के लिए दिए गए ५०० करोड़

वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन के विकास के लिए दिए गए ५०० करोड़

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भारत देश में कृषि प्रणाली के रूप में मधुमक्खी पालन के महत्व पर लक्ष्य केंद्रित करते हुए, केंद्र सरकार ने साल २०२१ से २०२३ तक राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और हनी मिशन (एनबीएचएम्) के तहत ५०० करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है।

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मधुमक्खी पालन हाल के वर्षों में भारत में बड़ी लोकप्रियता हासिल की है। मधुमक्खी पालनकर्ताओं और मधुमक्खी पालन कंपनियों की संख्या बहुत तेज गति से बढ़ रही है।और अब वर्तमान में, भारत देश में लगभग ३५ लाख मधुमक्खी कॉलोनियां है।

नेशनल मधुमक्खी पालन और हनी मिशन क्या है ?

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इस पर लक्ष्य केंद्रित करना चाहिए कि राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और हनी मिशन को आत्मनिर्भर योजना के हिस्से के रूप में घोषित किया गया था।

एनबीएचएम का उद्देश्य राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (एनबीबी) के माध्यम से लागू होने वाली ‘ स्वीट रिवोल्यूशन ‘ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत में वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन का समग्र प्रचार और विकास है।

एबीएचएम का मुख्य उद्देश्य है-

-कृषि और गैर-कृषि परिवारों के लिए आय और रोजगार सृजन के लिए मधुमक्खी पालन उद्योग के सम्पूर्ण विकास को बढ़ावा देना।

-मधुमक्खी पालन के माध्यम से महिलाओं का सशक्तिकरण करना है ।

-कृषि या बागवानी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए, अवसंरचनात्मक सुविधाओं को विकसित करना जिसमें एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र, शहद परीक्षण प्रयोगशाला, मधुमक्खी रोग कस्टम हायरिंग केंद्र, नैदानिक ​​प्रयोगशाला, आपी-चिकित्सा केंद्र, मधुमक्खी प्रजनक, आदि शामिल हैं।

इसके अलावा, इस योजना का उद्देश्य जागरूकता पैदा करना है;

यह किसानों को उच्च मूल्य वाले उत्पादों के उत्पादन के लिए विशेष मधुमक्खी पालन उपकरणों के वितरण के बारे में जागरूक करने का इरादा रखता है, मधुमक्खी विष, रॉयल जेली कॉम्ब हनी, आदि, और उच्च क़्वालिटी वाले शहद की क्षमता की खोज पर अध्ययन के बारे में भी, जागरूकता दिखता है ।

कन्नौज और उत्तर प्रदेश के हाथरस जिलों में और २०२०-२०२१ में पेट के कैंसर के इलाज के लिए सरसों के शहद का उपयोग।

राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और हनी मिशन को २०२० -२०२१ में १५०.०० करोड़ रूपये दिए गए थे। ११ परियोजनों के तहत वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन में जागरूकता लिए एबीएचएम के तहत २५६० लाख रूपये की मंजूरी दी गयी है।

किसानों की उपज बढ़ाने और कृषि / बागवानी उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार पर हनीबे के प्रभाव पर प्रौद्योगिकी प्रदर्शन करने और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए मधुमक्खी पालन के माध्यम सेसहायता मिलेगी ।

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