मलावी आम मुंबई में देर से पहुंचे: वैश्विक आपूर्ति चुनौतियों के बीच $18 प्रति बॉक्स की कीमत
मुंबई की कृषि उत्पाद बाजार समिति (APMC) को हाल ही में दक्षिण अफ्रीकी विशेषता, मलावी आम की पहली खेप प्राप्त हुई। लगभग ₹1,500 ($18) प्रति बॉक्स की कीमत वाले ये आम इस साल देर से पहुंचे हैं। दक्षिण अफ्रीका में लंबे समय तक हुई बारिश ने फूलने और कटाई की प्रक्रिया को बाधित किया, जिसके कारण यह देरी हुई। आमतौर पर नवंबर की शुरुआत में उपलब्ध होने वाले इन आमों के देर से आने से भारतीय बाजार में उत्सुकता और मांग बढ़ गई है।
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मलावी आम की यात्रा
मलावी आम ने 2018 से भारतीय बाजार में अपनी विशेष जगह बनाई है। ये आम रत्नागिरी से आयातित अल्फांसो ग्राफ्ट से उगाए जाते हैं और अपने अल्फांसो जैसे स्वाद के लिए जाने जाते हैं, जिससे ये उपभोक्ताओं के बीच प्रीमियम विकल्प बने हुए हैं। गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए, इन आमों को हॉट वॉटर ट्रीटमेंट दिया जाता है, जिससे ट्रांसपोर्ट के दौरान उनका स्वाद और बनावट बरकरार रहती है।
पहली खेप में 945 बॉक्स प्रमुख शहरों में वितरित किए गए हैं, जिनमें मुंबई, पुणे, दिल्ली और राजकोट शामिल हैं। आयातक संजय पंसारे ने बताया कि इस साल की फसल का आकार थोड़ा छोटा है, लेकिन आने वाले हफ्तों में 7,000 बॉक्स प्रति सप्ताह की नियमित खेप से मात्रा बढ़ने की उम्मीद है।
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मौसमी विलासिता
मलावी आमों की आवक भारत के शादी के सीजन के साथ हुई है, जिससे ये एक लक्जरी गिफ्ट के रूप में और अधिक आकर्षक बन गए हैं। इनके साथ, दक्षिण अफ्रीका से 275 बॉक्स टॉमी एटकिन आमों की भी बाजार में एंट्री हुई है। अपने अनोखे स्वाद और आकर्षक रंग के लिए जाने जाने वाले टॉमी एटकिन आम, आम प्रेमियों के लिए विविधता बढ़ाते हैं।
हालांकि शुरुआत में देरी हुई है, लेकिन इस सीजन के दिसंबर के अंत तक जारी रहने की उम्मीद है, जिससे इन बहुप्रतीक्षित आमों की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। इनकी प्रीमियम कीमत, जो उनकी दुर्लभता और सटीक खेती के कारण है, खरीदारों को प्रभावित नहीं कर रही है, क्योंकि ये फल अब भी अमीर उपभोक्ताओं की पहली पसंद बने हुए हैं।
वैश्विक आम बाजार की स्थिति
मलावी आमों की देर से आवक वैश्विक फल बाजारों के सामने आने वाली चुनौतियों को दर्शाती है। मौसम की अनिश्चितताएं, जैसे कि लंबे समय तक बारिश और अप्रत्याशित जलवायु पैटर्न, ने दुनिया भर में कटाई के कार्यक्रमों को बाधित किया है। इसके अलावा, महामारी के समय की लॉजिस्टिक चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं, जिससे खेपों में देरी और उपलब्धता पर असर पड़ा है।
भारत में आयातित फलों की बढ़ती मांग उपभोक्ताओं की गुणवत्ता और विविधता के प्रति बढ़ती रुचि को दर्शाती है, जिससे APMC जैसे बाजार वैश्विक उत्पादों को भारतीय रसोई तक पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण हब बन गए हैं। मलावी आम अपने अद्वितीय स्वाद और आकर्षण के साथ इस प्रवृत्ति का प्रमाण हैं।
किसानों के लिए नवीन खेती तकनीकें
भारतीय किसान जो अपनी खेती की पद्धतियों में सुधार करना चाहते हैं, वे जैविक खेती, सटीक कृषि और उन्नत फसल कटाई के बाद की तकनीकों को अपनाकर उपज और मुनाफे को काफी हद तक बढ़ा सकते हैं। टिकाऊ खेती की तकनीकों पर ज्ञान साझा करने से स्थानीय किसान वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रह सकते हैं।
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