केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए खेती के लिए सस्ती दर पर खाद और उर्वरक उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हर साल करोड़ों रुपये की सब्सिडी दी जाती है। इस साल भी, किसानों को खरीफ सीजन में सस्ती दर पर खाद और उर्वरक मिलेगा, जिसके लिए सरकार ने खरीफ सीजन से पहले ही 24,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दी है। किसानों को इससे लाभ होगा।
रबी सीजन की तरह, खरीफ सीजन में भी यूरिया, डीएपी और अन्य उर्वरक सस्ती दर पर मिल सकेंगे, जिससे उनका खेती का काम आसान होगा और पैसों की बचत भी होगी। हाल ही में, कैबिनेट में खरीफ सीजन के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरें तय करने के लिए उर्वरक विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। खरीफ सीजन 2024 के लिए अस्थाई बजटीय आवश्यकता करीब 24,420 करोड़ रुपये होगी।
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खाद और उर्वरक की कीमत कितनी तय की गई है?
इस साल, खेती में तिलहन और दालों के उत्पादन को बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार ने उर्वरक के तीन नए ग्रेड भी जोड़े हैं। किसानों पर आर्थिक दबाव को कम इस साल भी सरकार ने पिछले वर्ष की तरह ही उर्वरकों की कीमतों को यथावत रखने का फैसला किया है और सब्सिडी की राशि बढ़ा दी है। खरीफ सीजन 2024 के लिए नाइट्रोजन (N) पर 47.02 रुपये प्रति किलोग्राम, फॉस्फेटिक (P) पर 28.72 रुपये प्रति किलोग्राम, पोटाश (K) पर 2.38 रुपये प्रति किलोग्राम और सल्फर (S) प्रति किलोग्राम 1.89 रुपये निर्धारित किए गए हैं।
किसानों के लिए यूरिया, डीएपी सहित अन्य उर्वरक के रेट में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। सरकार ने पिछले बार की तरह ही किसानों को सस्ती दर पर खाद और उर्वरक उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है। यूरिया सहित अन्य उर्वरकों के रेट निम्नलिखित हैं-
खरीफ सीजन 2024 के लिए खाद और उर्वरक की कीमतें (खाद, उर्वरक रेट 2024)
खाद/उर्वरक का नाम | प्रति बोरी मात्रा | प्रति बोरी कीमत |
यूरिया (UREA) | 45 किलोग्राम | 266 रुपए |
डीएपी (DAP) | 50 किलोग्राम | 1350 रुपए |
एनपीके (NPK) | 50 किलोग्राम | 1470 रुपए |
एमओपी (MOP) | 50 किलोग्राम | 1677 रुपए |
खाद की अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में वृद्धि हुई है। इसका भारत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। सरकार यूरिया उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कदम उठा रही है।सरकार 25 ग्रेड पीएंडके उर्वरक उत्पादकों और आयातकों के माध्यम से किसानों को सस्ती कीमतों पर उपलब्ध करवा रही है। NBES योजना 1 अप्रैल 2010 से PNK उर्वरकों पर सब्सिडी देता है। सरकार ने फॉस्फेटिक और पोटाश (पीएंडके) उर्वरकों के लिए 1 अप्रैल 2024 से 30 सितंबर 2024 तक खरीफ सीजन 2024 के लिए एनबीएस दरों को मंजूरी देने का निर्णय लिया
यदि सरकार किसानों को यूरिया और अन्य उर्वरकों पर सब्सिडी का लाभ नहीं देती, तो किसानों को इसका बहुत अधिक मूल्य चुकाना पड़ेगा. बिना सब्सिडी के इन खादों और उर्वरकों की कीमतें इतनी बढ़ गई हैं कि उन्हें खरीदना महंगा साबित हो सकता है। ऐसे में सरकार सब्सिडी देती है। बिना सब्सिडी के खादों और उर्वरकों का मूल्य निम्नलिखित है।
खाद/उर्वरक का नाम | प्रति बोरी मात्रा | प्रति बोरी कीमत |
यूरिया (UREA) | 45 किलोग्राम | 2450 रुपए |
डीएपी (DAP) | 50 किलोग्राम | 4073 रुपए |
एनपीके (NPK) | 50 किलोग्राम | 2654 रुपए |
एमओपी (MOP) | 50 किलोग्राम | 3291 रुपए |
केंद्र सरकार खाद और उर्वरक के लिए कितनी सब्सिडी देती है?
खाद/उर्वरक का नाम | प्रति बोरी मात्रा | प्रति बोरी कीमत |
यूरिया (UREA) | 45 किलोग्राम | 2183.50 रुपए |
डीएपी (DAP) | 50 किलोग्राम | 2501 रुपए |
एनपीके (NPK) | 50 किलोग्राम | 1918 रुपए |
एमओपी (MOP) | 50 किलोग्राम | 759 रुपए |
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