कृषि मंत्रालय ने घोषित किया है कि फिसल वर्ष 2024 में बागवानी उत्पादन की अनुमानित संख्या 35.5 करोड़ टन है, जो पिछले साल के स्तिथि को स्थिर रखने के लिए अनुमानित है।
प्याज के उत्पादन में 47 लाख टन की गिरावट के बावजूद भी , भारत की बागवानी फसलों (Horticulture Crop) का उत्पादन वर्ष 2023-24 में 35 करोड़ 52.5 लाख टन पर स्थिर रहने का अनुमान किया गया है।
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हॉर्टिकल्चर क्रॉप्स (Horticulture Crop) का उत्पादन: भारत में प्याज उत्पादन में 47 लाख टन की गिरावट के बावजूद, वर्ष 2023-24 में बागवानी फसलों का उत्पादन 35 करोड़ 52.5 लाख टन सरकारी आंकड़ों के अनुसार, स्थिरता की उम्मीद है। कृषि मंत्रालय ने 2023-24 के लिए पहला अग्रिम अनुमान जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि देश में बागवानी उत्पादन बढ़ा है।
पिछले वर्ष के 35 करोड़ 54.8 लाख टन से लगभग 35 करोड़ 52.5 लाख टन रहने का अनुमान है।
एक सरकारी बयान के अनुसार, बागवानी फसलों की खेती का क्षेत्रफल पिछले वर्ष के 2 करोड़ 84.4 लाख हेक्टेयर से मामूली बढ़कर वर्ष 2023-24 में 2 करोड़ 87.7 लाख हेक्टेयर हो गया है। फलों का उत्पादन 2022–2023 में 11 करोड़ 2.1 लाख टन से 2020–2024 में 11 करोड़ 20.8 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है। यह बढ़ोतरी केला, मंदारिन और आम के उत्पादन में बढ़ोतरी से हुई है।
2020–2022 (अंतिम अनुमान) में सब्जियों का उत्पादन 21 करोड़ 25.5 लाख टन से 20 करोड़ 93.9 लाख टन रहने का अनुमान है। टैपिओका, टमाटर, फूलगोभी, कद्दू, पत्तागोभी और अन्य सब्जियों का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है। पिछले वर्ष 204.25 लाख टन टमाटर का उत्पादन 208.19 लाख टन होने की उम्मीद है।
प्याज का उत्पादन 2023-24 में लगभग 254.73 लाख टन रहने का अनुमान है, क्योंकि महाराष्ट्र में 34.31 लाख टन, कर्नाटक में 9.95 लाख टन, आंध्र प्रदेश में 3.54 लाख टन और राजस्थान में 3.12 लाख टन की कमी हुई है। जो पिछले साल 302.08 लाख टन था। प्याज उत्पादन 2023-24 में पिछले वर्ष की तुलना में 16 प्रतिशत गिर गया है। आंकड़े बताते हैं कि 2021-22 में प्याज का उत्पादन 316.87 लाख टन था। केंद्र ने प्याज के निर्यात पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे कीमतों को नियंत्रित किया जा सके।
वर्ष 2023-24 में आलू का उत्पादन लगभग 589.94 लाख टन होने की उम्मीद है, जबकि पिछले वर्ष लगभग 601.42 लाख टन का उत्पादन हुआ था। इसका कारण पिछले वर्ष की तुलना में पश्चिम बंगाल में उत्पादन में आई कमी को माना जा रहा है। कृषि विभाग ने राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों और अन्य सरकारी स्रोत एजेंसियों से प्राप्त जानकारी के आधार पर संकलित विविध बागवानी फसलों के खेती के रकबे और उत्पादन के बारे में 2022-23 और 2023-24 के लिए पहले पूर्वानुमान जारी किए गए हैं।
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