सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार, देश के तमाम राज्यों में से १० राज्यों के किसानों की खरीद पोर्टलों में एमटीपी को शामिल किया है, जिन्हें केंद्रीय खाद्यान्न खरीद पोर्टल के साथ एकीकृत किया गया है।
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इनमे पंजाब और हरयाणा जैसे राज्य शामिल है, जिसमें सरकार ने भूमि रिकॉर्ड और डिजिटल मंडियों जैसे प्रमुख मापदंडों का ब्योरा लेने के साथ उन्हें एक केंद्रीय पोर्टल के साथ एकीकृत किया है। अधिकारों से मिली जानकारी अनुसार, चालू खरीफ विपणन सत्र में धान की खरीद के दौरान जांच के लिए इन महत्वपूर्ण जानकारियों की जरूरत है ताकि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) किसानों तक पहुंचे, न कि व्यापारियों तक।
सरकार बाकि १० और राज्यों में सॉफ्टवेयर के साथ इसका ब्यौरा करने तैयार है। इनमे अन्य राज्यों को शामिल किया है जिसमें जम्मू और कश्मीर, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश राज्य शामिल है।
सरकार ने अधिकारों को सूचित किया हैं की खरीद संचालन में बिचौलियों पर नजर रखी जा सके, यह अनाज की खरीद करने वाले राज्यों को निर्देश का पालन करना अनिवार्य है जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिले।
एक रिपोर्ट के अनुसार, २३ प्रमुख खरीद वाले राज्यों में से १० राज्य ऐसे हैं जिनमें अपने खरीद पोर्टलों में एमटीपी शामिल कर लिया है, जिन्हें केंद्रीय खाद्यान्न खरीद पोर्टल के साथ एकीकृत किया गया है, इनमें पंजाब और हरयाणा राज्यों में एकीकृत हो चुके हैं और खरीद को सुचारु रूप से शामिल किया जा चुका है।
खरीद पोर्टल में राज्यों के प्रमुख सीमा मानदंड का विवरण को शामिल किया है जिन्हें अंतर संचालन के लिए पोर्टल में दर्ज करना आवश्यक है।
किसानों को सुनिश्चित करना होगा कुछ जरुरी दस्तावेज
किसानों को बटाईदारों के ऑनलाइन पंजीकरण के लिए कुछ जरुरी डाक्यूमेंट्स की सूची सुनिश्चित करना होगी। इसमें शामिल है – आधार संख्या, पता, भूमि विवरण की सूचना जारी करनी होगी।
दूसरे राज्यों को पंजीकृत करने के लिए किसान डाटा को राज्य के भूमि रिकॉर्ड पोर्टल के साथ एकीकृत करना होगा, वहीं तीसरे राज्य में डिजिटल मंडी और केंद्र संचालन को विक्रेता और क्रेता के फॉर्म और बिक्री के बिल आदि के लिए एकीकृत करना अनिवार्य है।
किसानों को एमएसपी के सीधे और तेजी से हस्तांतरण के लिए एक ऑनलाइन भुगतान तंत्र स्थापित करना अनिवार्य है। इसके आलावा, राज्यों को वेट चेक मेमो, स्वीकृति नोट और अधिग्रहण पर बिलिंग के ऑटो जनरेशन के तंत्र को शामिल किया जाएगा।
खरीफ विपणन सत्र में अक्टूबर 2021-22 में केंद्र सरकार ने खरीद के आंकड़ों के सामंजस्य में तेजी लाने के लिए नयी प्रक्रिया को शामिल किया है।
मंत्रालय का कहना है कि, “देश को खरीद कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता के उच्च स्तर को प्राप्त करने में मदद के लिए, संचालन का मानकीकरण आवश्यक है, जो अंततः देश के लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।” यह अंततः केंद्र के उद्देश्यों को प्राप्त करने और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के कार्यान्वयन में मदद करेगा। ”
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