राज्य द्वारा संचालित चाय बोर्ड ने कहा की कोरोनावायरस और ज्यादा बाढ़ के कारण २०२० में पिछले साल की तुलना में भारतीय चाय का उत्पादन ९.७ प्रतिशत काम हो गया है ,जिससे बाजार मूल्य बढ़ सकता है।
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भारत ने २०२० में १२५५. ६० मिलियन किलोग्राम चाय का उत्पादन किया था,जिसमें पिछले साल की तुलना में ९. ७ प्रतिशत की गिरावट आई। इस का कारण यह है की पूर्वोत्तर राज्य असम में बाढ़ ने चाय की बगीचों को नष्ट कर दिया, जो की भारत के कुल चाय उत्पादन का आधे से ज्यादा हिस्सा है।
असम में कोरोनावायरस महामारी पर अंकुश लगाने के लिए चाय का उत्पादन पहले ही काम कर दिया है। मूल्य की बढ़ोतरी से भारतीय चाय उद्योग को मदद मिली। लेकिन दक्षिण एशियाई निर्यात में कमी आई।
टी बोर्ड द्वारा एकत्रित किए गए आकड़ों के अनुसार, कम उत्पादन होने के वजहसे २०२० में पिछले साल की तुलना में चाय की औसत कीमतों को ३१ प्रतिशत बढ़ाकर १८४. ६९ रूपये प्रति किलोग्राम कर दिया गया।
इसकी वजहसे भारत में चाय शिपमेंट को कम कर दिया एक आपूर्तिकर्ता ने कहा। एक निर्यातक ने कहा की “भारतीय कीमत बढ़ी लेकिन प्रतिद्वंद्वी श्रीलंका और केन्या में कीमतें नहीं बढ़ीं है।
भारत, दुनिया में चाय का दूसरा सबसे बड़ा निर्माता है। जहाज सीटीसी (क्रश-आंसू-कर्ल) ज्यादातर इजिप्त के साथ-साथ ब्रिटेन के भी श्रेणी में आता है, जो इराक, रूस और ईरान के पारंपरिक शिपिंग करता है।
इंडियन टी एसोसिएशन के सचिव सुजीत पात्रा ने कहा की कि “देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में मुख्य चाय उत्पादन के हिस्सों में पिछले कुछ महीनों के दौरान जोरदार बारिश हुई है और इससे २०२१ में उत्पादन में वृद्धि होगी”।
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