वर्तमान स्थिति में किसानों के लिए साइल हेल्थ कार्ड स्कीम होगी लाभदायी
कृषि किए हित के लिए किसानों के लिए सरकार हमेशा कोशिश करती आयी है जिससे किसानों को जल्द से जल्द सफलता मिल सकें। ५ दिसंबर को वर्ल्ड साइल डे मनाया गया था, किसानों के लिए सरकार ने साइल हेल्थ कार्ड की योजना को चालू किया है। ऐसे में यदि बिहार सरकार की बात की जाएं तो राज्य सरकार ने करीब ३ .५ लोगों को साइल हेल्थ कार्ड को बांटने की योजना निश्चित की है।
KhetiGaadi always provides right tractor information
बिहार सरकार ने साल २०१५ में सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के तहत साइल की जांच कर उर्वकता मैपिंग के लिए इस स्कीम की अगुवाई की थी जिससे किसानों को उनकी फसल का लाभ प्राप्त हो सकें।
केंद्र सरकार द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुआत की गयी
साल २०१४-१५ के दौरान मोदी सरकार ने मिट्टी के पोषक तत्वों की गिरावट को दूर करने के उद्देश्य से मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुवात की गयी थी जिसका फल किसानों को मिलना शुरू हो गया है। इसके तहत सरकार ने पिछले दो वर्षों में करीब ११ .६९ करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को प्रदान किये गए हैं।
साइल हेल्थ कार्ड स्कीम
मृदा स्वास्थ्य कार्ड केंद्र सर्कार तथा किसान एवं कृषि कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मार्गदर्शन के निर्देशानुसार इस स्कीम को लागु किया गया हैं । इस स्कीम के तहत किसानों ने मिट्टी के स्वास्थ्य मापदंडों तथा उनके पोषक तत्वों की उत्पादकता को बढ़ाने में सक्षम बनाया हैं ।
राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद के द्वार रिपोर्ट दर्ज की गयी हैं जिसमे, सरकार ने उत्पदाकता में ५-६ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर रासायनिक उर्वरकों के उपयोग में ८ से १० प्रतिशत की गिरावट दर्ज की हैं।
केंद्र सरकार की मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के चरण १- वर्ष २०१५ से २०१७ के तहत १०.७४ करोड़ कार्ड वितरित किए गए, जबकि चरण- २ के तहत २०१७-१९ की अवधि के दौरान ११.६९ करोड़ कार्ड वितरित किए गए थे। इसके साथ ही सरकार ने अन्य योजनाओं में इसको शामिल किया हैं।
सरकार द्वारा मिट्टी के सुधार के लिए उठाये कदम
सरकार द्वारा यह योजना हर दो साल के अंतराल में मिट्टी की संरचना के विश्लेषण का प्रावधान करती है, ताकि मिट्टी के पोषक तत्त्व में सुधार के लिए ठेस कदम उठाये जा सके। इसके तहत किसान मिट्टी के सैम्पल्स को आसानी से ट्रैक कर सकते हैं और अपनी साइल हेल्थ कार्ड रिपोर्ट कर सकते हैं।
एक तरफ जहां स्वास्थ्य प्रबंधन योजना किसानों के वरदान साबित हुई, वहीं किसानों के लिए नए रोजगार के अवसर भी पैदा कर रही हैं। इस योजना के तहत गांव के युवा तथा ४० वर्ष तक के किसान स्वास्थ्य प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए योगदायी हैं। प्रयोगशाला की लागत पांच लाख रूपए तक होती हैं, जिसके तहत राज्य सरकारों द्वारा विकट पोषित किया जा सकेगा।
युवाओं के लिए अच्छे अवसर
युवा किसान एवं संघठन प्रस्ताव के लिए व्यक्तिगत रूप से संबंधित जिलों में या उप निदेशक के जिलों में अपने कार्यालयों में जमा कर सकेंगे। और अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट agricoop.nic.in पर विजिट कर सकते हैं।
To know more about tractor price contact to our executive