क्या फिर से बढ़ेंगी गेहूं की कीमतें ? महंगाई पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने उठाया बड़ा कदम ।

क्या फिर से बढ़ेंगी गेहूं की कीमतें ? महंगाई पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने उठाया बड़ा कदम ।

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महंगाई को नियंत्रित करने और आम आदमी को राहत प्रदान करने के लिए, सरकार ने मुद्रास्फीति को कम करने के लिए और विभिन्न नीतियों को लागू करने के लिए सतत प्रयास कर रही है।

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गेहूं की कीमत: देश में बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। उसके लिए मुद्रास्फीति को कम करने और आम आदमी को राहत प्रदान करने के लिए विभिन्न नीतियां बना रही है। हालांकि, इस दौरान गेहूं की कीमतें वर्तमान में बढ़ रही हैं। क्या आने वाले दिनों में गेहूं की कीमतें और बढ़ेंगी? इस सवाल का जवाब जानने के लिए सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

मई 2022 में भारत सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया था, जिसके कारण देश में गेहूं की कीमतें कुछ समय से स्थिर रह रही हैं। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य घरेलू मांग को पूरा करना और देश में गेहूं की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करना था। सरकार ने जनवरी में इस बारे में एक बयान जारी किया था, जिसमें बताया गया था कि गेहूं, चावल, और चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध जारी रहेगा।

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केंद्र सरकार ने गेहूं की कीमतों में तेजी को रोकने के लिए गत कल थोक विक्रेताओं, बड़े खुदरा विक्रेताओं, और प्रसंस्करणकर्ताओं के लिए गेहूं के स्टॉक (गेहूं की स्टॉक सीमा) बनाए रखने के नियमों को कड़ा कर दिया है।खाद्य मंत्रालय के अनुसार, अब व्यापारियों और थोक विक्रेताओं को 1,000 टन की बजाय 500 टन तक गेहूं का स्टॉक रखने की अनुमति है। बड़ी श्रृंखलाओं के खुदरा विक्रेताओं को प्रत्येक आउटलेट पर पांच टन और सभी डिपो में कुल 500 टन गेहूं का स्टॉक रखने की अनुमति है, जो पहले 1,000 टन थी।

गेहूं भंडारण की सीमा कब तक बरकरार रहेगी?

खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में जारी किया है कि प्रसंस्करणकर्ताओं को अप्रैल 2024 तक शेष महीने के लिए अपनी मासिक स्थापित क्षमता को 70 प्रतिशत के बजाय 60 प्रतिशत रखने की अनुमति दी जाएगी। खाद्य सुरक्षा का प्रबंधन करने, जमाखोरी और सट्टेबाजी को रोकने के लिए, 12 जून, 2023 को गेहूं पर स्टॉक सीमा लगाई गई थी, जो इस साल मार्च तक लागू रहेगी।

गेहूं स्टॉक सीमा पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य :

खाद्य मंत्रालय ने जारी किये गए बयान में बताया है कि सभी गेहूं भंडारण प्रतिष्ठानों को गेहूं स्टॉक लिमिट पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य है। स्टॉक का स्थिति प्रतिवार शुक्रवार को अपडेट करनी चाहिए। यदि इन संस्थाओं द्वारा रखा गया स्टॉक निर्धारित सीमा से अधिक है, तो उन्हें 30 दिनों के भीतर निर्धारित स्टॉक सीमा तक पहुंचाने की आवश्यकता है।खाद्य मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में, सभी गेहूं भंडारण प्रतिष्ठानों के लिए गेहूं स्टॉक लिमिट पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य है। स्टॉक की स्थिति शुक्रवार को अपडेट की जानी चाहिए। यदि इन संस्थाओं द्वारा धारित स्टॉक निर्धारित सीमा से अधिक है, तो उन्हें 30 दिनों के भीतर निर्धारित स्टॉक सीमा तक पहुंचने की आवश्यकता होती है।

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