अधिकतर लोग पोल्ट्री फार्मिंग में मुर्गी और बत्तख पालन को प्राथमिकता देते हैं, लेकिन बटेर पालन से भी अच्छी खासी कमाई की जा सकती है। बाजारों में बटेर की हमेशा मांग रहती है, क्योंकि इसका मांस स्वादिष्ट और रोग प्रतिरोधक क्षमता से भरपूर होता है।
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बटेर पालन: घर बैठे कम लागत में अच्छी कमाई का विकल्प:
भारत में पोल्ट्री फार्मिंग (Poultry Farming) किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है। अधिकतर लोग मुर्गी और बत्तख पालन को प्राथमिकता देते हैं, लेकिन बटेर पालन से भी अच्छी कमाई की जा सकती है। बाजारों में बटेर की हमेशा मांग रहती है क्योंकि इसका मांस स्वादिष्ट होता है और इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है। घर बैठे कम लागत में अच्छी कमाई के लिए बटेर पालन एक बेहतरीन विकल्प हो सक्ता है ।
मादा बटेर 6-7 हफ्तों में देती है अंडे:
बटेर पालन एक ऐसा व्यवसाय है, जिसकी शुरुआत कम लागत में की जा सकती है और इससे अच्छी खासी कमाई की जा सकती है। इनके रख-रखाव में ज्यादा झंझट नहीं होती और इनकी वृद्धि दर भी काफी अच्छी होती है। मादा बटेर लगभग 6-7 हफ्तों में अंडे देना शुरू कर देती है और सालभर में लगभग 250-300 अंडे देती है। बटेर पालन में रख-रखाव और आहार का खर्च भी कम आता है। बाजार में बटेर के मांस और अंडों की मांग अधिक रहती है, क्योंकि इनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा होती है। बटेर के मांस को आसानी से स्थानीय बाजारों या नजदीकी शहरी क्षेत्रों में बेचा जा सकता है।
साफ-सफाई का रखें विशेष ध्यान:
बटेर साल में 4 से 5 बार अंडे देते हैं। यदि बटेर के चूजों की सही देखभाल और पालन पोषण किया जाए, तो वे 45 दिनों में ही तैयार हो जाते हैं। बटेर पालन के व्यवसाय के लिए बाहर जाने की भी जरूरत नहीं होती, क्योंकि व्यापारी और ग्रामीण लोग खुद आकर बटेर खरीद लेते हैं। बटेर को खुद सेफार्म में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है और तैयार किया गया भोजन खिलाया जाता है।
5-7 हफ्तों में ही प्रजनन के लिए तैयार:
बटेर पालन के लिए आपको एक शेड तैयार करना होता है, जिसमें हवा और प्रकाश की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। किसानों को फार्म में सही अनुपात में नर और मादा बटेर रखने की आवश्यकता होती है। चूजों को पहले दो हफ्तों तक प्रकाश की अधिक जरूरत होती है, इसके लिए इलेक्ट्रिक लाइट का उपयोग किया जाता है। बटेर की प्रजनन विधि सरल होती है। सामान्यतः बटेर 5 से 7 हफ्तों में प्रजनन के लिए परिपक्व हो जाती है और 6 से 7 हफ्तों की आयु में अंडे देना शुरू कर देती है। अंडे से चूजे निकलने में लगभग 17 दिन लगते हैं और एक दिन के चूजे का वजन लगभग 8 से 10 ग्राम होता है।
बटेर पालन से कमाई:
50 हजार रुपये खर्च करके आप आसानी से हर महीने एक से डेढ़ लाख रुपये की कमाई कर सकते हैं अगर आप बटेर पालन का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं। बटेर का एक चूजा मार्केट में लगभग 18 से 20 रुपये का होता है, और इसे बड़ा करने में केवल 30 से 35 रुपये का खर्च आता है। 60 से 80 रुपये बड़े बटेर मार्केट में मिलते हैं।
चूजों का पोल्ट्री फार्म खोलने पर मिलेगी 3000 रुपये की सब्सिडी, ऐसे उठाएं लाभ:
खेती और पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक योजना शुरू की गई है, जिसके तहत किसानों को पशुपालन में सशक्तिकरण के लिए सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत, 50 चूजों के पोल्ट्री फार्म को खोलने पर 3000 रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। यह योजना पशुपालन विभाग द्वारा शुरू की गई है और इसका मुख्य उद्देश्य पशुपालन के क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देना है। इस योजना का विशेष लाभ अनुसूचित जाति के किसानों को दिया जाएगा। योजना के तहत हर जिले में 200 पोल्ट्री यूनिट की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और यह योजना कुल मिलाकर 15,000 ग्रामीणों को लाभ प्रदान करेगी।
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