सरकार ने मशरूम खेती (Mushroom Farming) को बढ़ावा देने के लिए दो नई योजनाओं, मशरूम हट और मशरूम किट, को मंजूरी दी है। इन योजनाओं के तहत 50 से 90% तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा, जिससे किसान और आम लोग दोनों इसका लाभ उठा सकेंगे।
मशरूम की खेती (Mushroom Farming) कम लागत में अच्छा मुनाफा कमाने का मौका:
मशरूम की खेती (Mushroom Farming) अब केवल उन्हीं लोगों तक सीमित नहीं रही जिनके पास बड़ी खेतिहर जमीन है। अब जिनके पास घर के आसपास सिर्फ 10 से 20 धूर जमीन है, वे भी इस लाभकारी खेती को अपना सकते हैं। बिहार कृषि विभाग के उद्यान निदेशालय ने किसानों के साथ-साथ आम नागरिकों के लिए भी एक विशेष योजना शुरू की है। इस योजना के तहत, कम लागत में मशरूम की खेती करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।
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वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मशरूम हट और मशरूम किट योजना को स्वीकृति मिल चुकी है। इस योजना में खेतिहर जमीन वाले किसानों के लिए मशरूम हट और बिना खेतिहर जमीन वाले लोगों के लिए मशरूम किट की व्यवस्था है।
मशरूम हट योजना के तहत, किसानों को कुल लागत का 50% अनुदान मिलेगा। एक मशरूम हट की कुल लागत 1,79,500 रुपये है, जिसमें 50% अनुदान का मतलब है कि किसानों को 89,750 रुपये खुद खर्च करने होंगे।
बिना खेतिहर जमीन वाले लोगों के लिए मशरूम किट की व्यवस्था है, जिसकी प्रति किट लागत 60,000 रुपये है। इसमें 90% अनुदान दिया जाएगा, जिससे लोगों को केवल 6,000 रुपये प्रति किट के हिसाब से खर्च करने होंगे।
मशरूम की खेती (Mushroom Farming) से 20 से 30 हजार रुपये तक की कमाई:
इस वर्ष 23,000 मशरूम किट वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है, जबकि पिछले साल यह लक्ष्य 15,000 किट का था। प्रत्येक व्यक्ति को 100 किट प्रदान किए जाएंगे, जिससे औसतन 100 से 150 किलो मशरूम का उत्पादन हो सकेगा। मात्र 6,000 रुपये की लागत पर, लोग 20,000 से 30,000 रुपये तक की कमाई कर सकते हैं।
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