उत्तर प्रदेश सरकार ने किसान समृद्धि योजना की अवधि को ५ साल के लिए बढ़ा दी है। योजना का अंतराल २०२६-२०२७ के लिए जारी रहेगा । सरकार ने इसकी कुल राशि ६०२.६८ करोड़ रुपये दर्ज की है।
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किसान समृद्धि योजना का उद्देश्य ?
किसान समृद्धि योजना के अंतर्गत बंजर और जलभराव वाली जमीन को करने योग्य बनाया जाता है। किसान समृद्धि योजना को वर्ष २०१७-१८ में शुरू किया गया था जिसे हाल ही में हुई कैबिनेट मीटिंग में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में ये निर्णय लिया गया की योजना को ५ साल के लिए २०२६ -२७ तक बढ़ाया जा रहा है।
ये स्कीम खासकर उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए चलायी जा रही है। राज्य की प्रमुख फसलें जैसे गेहूं, चावल, गन्ना और मक्का सहित अनेक प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं। राज्य के करीब ५० प्रतिशत से भी ज्यादा आबादी जीविकोपार्जन के लिए कृषि पर निर्भर करती है।
यूपी ‘कृषि’ उत्पादक के लिए प्रमुख राज्य माना गया है। राज्य की अधिक से अधिक जमीन या तो जलभराव की चपेट में है या फिर बंजर जमीन है, जिसे खेती के लायक नहीं माना गया है। इसके तहत यूपी सरकार ने किसान समृद्धि योजना को चालू किया है जिसे खेती के लायक बनाया जा सके और किसानो को भी लाभ पहुंच सकें।
खेती लायक किसान समृद्धि योजना से किसान काफी उत्साहजनक हैं जिसमें राज्य की १,५७,१९० हेक्टेयर जमीन को खेती लायक और अधिक उपजाऊ बनाया गया है। सरकार द्वारा अब तक ३३२ करोड़ रूपए खर्च किये जा चुकें हैं जिसके चलते सरकार ने अच्छे रिस्पांस को देखते हुए योजना की अवधि को बढ़ाया है।
अगले पांच साल तक की योजना का उद्देश्य
सरकार ने अगले ५ सालों में २,१९,२५० लाख हेक्टेयर भूमि को सुधारने का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसमें सरकार ६०२.६८ करोड़ रुपये खर्च करने का निर्णय लिया है। राज्य के कुल ७४ जिलों में इस स्कीम को लागू किया जाएगा। इसके अतिरिक्त गौतम बुद्ध नगर जिले में स्कीम को लागू नहीं किया जाएगा।
सरकार ने योजना के तहत किसानो की आय को बढ़ाने की भी बात कही तथा खेतों के ग्राउंड वाटर लेवल में भी सुधार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
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