हरियाणा सरकार ने किसानों को तोहफा के रूप में उनके फसल में हुए नुक्सान में मुआवजे की राशि में वृद्धि की है। पहले जहाँ किसानों को मुवजे की राशि १२ हजार रूपए मिलती थी वहीं अब बढ़ाकर १५ हजार रूपए कर दी है, तथा १० हजार को बढ़ाकर १५ हजार कर दी है। यह फैसला हरयाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों के सामने एक सौगात के रूप में पेश किया। इसके अतिरिक्त इसके दूसरे स्लैब में २५ प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करने की घोषणा भी की गयी।
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मुख्यमंत्री किसानों से आह्वान कर रही है कि वे फसल बीमा जरूर करवाएं और ज़्यादा से ज़्यादा फसल मुआवजे का लाभ उठाएं। देश भर में सबसे ज़्यादा फसल मुआवजा हरियाणा सरकार दे रही हैं।
मुआवजे की रकम निश्चित
सरकार ने मुआवजे की घोषणा थोड़े दिन पहले ही की है जिसमें उन्होंने बताया कि, वे किसान जिनकी २ एकड़ भूमि है उनको फसल बीमा प्रीमियम नहीं भरना पड़ेगा। जिनकी भूमि २ से ५ एकड़ के बीच में उसका आधा प्रीमियम सरकार कि तरफ से भरा जाएगा। इसके अतिरिक्त ५ एकड़ से अधिक भूमि होने पर किसानों को स्वयं फसल बीमा करवाना होगा।
मुख्यमंत्री ने आगे यह भी कहा कि गन्ने का रेट देश भर में सबसे ज़्यादा है और किसानों को आश्वासन दिया कि हरियाणा में गन्ने का रेट सर्वाधिक ही रहेगा।
उन्होंने चीनी मिल में कर्मचारियों को मिलने वाले 25 रुपये धुलाई भत्ते में बढ़ोत्तरी की भी बात कही जहां पहले २५ रूपए मिलते थे वहीं १०० रूपए कर दी गयी।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
केंद्र सरकार ने सन २०२० में पीएम फसल बीमा योजना की शुरुवात की गयी इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसी भी प्राकृतिक आपदा से फसल में हुए नुक्सान का जोखिम को काम करनेके लिए किसानों को लाभ प्रदान किया जा रहा है। किसानों ने लगभग १९ हजार करोड़ रूपए का प्रीमियम भरा जिसके विपरीत उन्हें ९० हजार करोड़ रूपए का भुगतान क्लेम के रूप में मिला।
पीएम फसल बीमा योजना के तहत ज़रूरी दस्तावेज़ में किसान को अपना आधार कार्ड, ज़मीन का दस्तावेज़, भूमि कब्जा प्रमाण पत्र, प्रथम पृष्ठ-बैंक खाता के विवरण के साथ बैंक पासबुक, बटाईदार किसानों या किराए पर ली गई जमीन पर भी बीमा की सुविधा, फसल बुआई प्रमाण पत्र, आदि जैसे दस्तावेज़ होना अनिवार्य है।
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