ड्रिप आईरिगेशन (Drip Irrigation) तकनीक: पानी की कमी से जूझ रहे किसान, सिंचाई के इस तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं। सरकार द्वारा किसानों को 90 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है। इस तकनीक के उपयोग से किसान पानी की कमी से निपट सकेंगे और आर्थिक दबाव से बच पाएंगे।
ड्रिप आईरिगेशन (Drip Irrigation) तकनीक: भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां की आधे से ज्यादा आबादी खेती पर ही निर्भर है। लेकिन, भारत के कई इलाके ऐसे हैं जहां पानी की बड़ी किल्लत है और यह खेती पर सीधा प्रभाव डालती है। वहीं, लगातार घट रहा भू-जल स्तर भी किसानों के लिए खतरे की घंटी है। इस तकनीक के माध्यम से, किसान अपने खेतों में पानी की सवारी को बेहतर तरीके से संचालित कर सकते हैं।
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यहाँ एक विशेष बात यह है कि इस तकनीक के लिए सरकार किसानों को 90 फीसदी तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है। इससे किसान पानी की किल्लत से निपट सकेंगे और उन पर आर्थिक दबाव भी नहीं पड़ेगा। इस तकनीक के उपयोग से किसान खेती में पानी की खपत को कम कर सकेंगे और जरूरत के अनुसार पानी प्राप्ति से उत्पादन भी बढ़ाया जा सकेगा। आइए आपको इसके बारे में विस्तृत जानकारी देते हैं।
वास्तव में, हम ड्रिप आईरिगेशन (Drip Irrigation) प्रणाली के बारे में बात कर रहे हैं, जिसे ड्रिप इरिगेशन सिस्टम भी कहा जाता है। कृषि कार्यों में पानी की अधिकता को कम करने के लिए किसान इस तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे खेतों में पानी की खपत 50% तक कम हो जाती है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, खेतों में सिंचाई के लिए यह प्रणाली सबसे उत्तम है। इसे लगाने के बाद, जमीन को समतल करने की आवश्यकता नहीं होती है।
इसके अलावा, इस तकनीक के माध्यम से किसान पौधों में पानी के प्रेशर के साथ खाद भी स्थापित कर सकते हैं। विशेष रूप से सब्जी की खेती और फलदार वृक्षों के लिए यह सबसे उत्तम सिंचाई तकनीक है। इस प्रणाली को लगाने के बाद, पौधों को पूरा खाद का लाभ मिलता है जिससे उत्पादन में 20 से 25 प्रतिशत तक वृद्धि होती है।
सरकार द्वारा 90 फीसदी की सब्सिडी प्रदान की जा रही है:
किसान ड्राप मोर क्रॉप में सिंचाई प्रणाली का लाभ उठा सकते हैं, जो प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से जुड़ा हुआ है। इस योजना में किसानों को 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी मिलती है। इस प्रणाली को प्रत्येक एकड़ में लगाने में लगभग 61,000 रुपये का खर्च आता है, जिसमें से किसानों को केवल 10 प्रतिशत देना होता है। किसान प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, किसान स्थानीय कृषि अधिकारी से भी संपर्क कर सकते हैं। राज्य सरकारें भी कई तरह की सिंचाई योजनाएं चला रही हैं, जिनका लाभ किसानों को मिल सकता है। इसके लिए किसान कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
छींटा विधि खेती के भी लिए फायदेमंद है:
किसान गेहूं, सरसों और अन्य फसलों के लिए स्प्रिंकल सिंचाई प्रणाली का उपयोग कर सकते हैं। विशेषकर, यह रबी फसलों के लिए अधिक उपयुक्त है। इस विधि में, छींटा प्रक्रिया फसल को पानी देती है। इसके जरिए किसान फसल के लिए ४० प्रतिशत तक कम पानी का उपयोग कर सकते हैं। इसलिए, इस प्रणाली को अपनाने के लिए किसानों को 90% तक का अनुदान मिलता है। इस प्रणाली को एक एकड़ में संस्थापित करने में लगभग 56,000 रुपये की लागत आती है, जिसमें से किसानों को केवल 10%, यानी 5,600 रुपये देने होते हैं।
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