IMD के अनुसार, इस साल भारत में सामान्य से अधिक मॉनसूनी बारिश की संभावना है। यह खबर देश के कृषि क्षेत्रों के लिए बहुत ही सुखद है। भारत एक कृषि प्रधान देश है, और मॉनसून की बारिश खेती के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।
देश में इस साल गर्मी ने कई रिकॉर्ड तोड़े हैं, लेकिन मौसम विभाग ने मॉनसून के बारे में एक नया अपडेट दिया है। IMD के अनुसार, इस साल देश में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना है। भारत एक कृषि प्रधान देश है, और मॉनसून में होने वाली बारिश कृषि क्षेत्रों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।
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आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा के अनुसार भारत के पूर्वोत्तर हिस्सों में सामान्य से कम, उत्तर-पश्चिम क्षेत्रों में सामान्य और देश के मध्य व दक्षिण प्रायद्वीपीय क्षेत्रों में सामान्य से अधिक मॉनसूनी वर्षा की संभावना बताई गई है। देश में जून से सितंबर तक चार महीने के मॉनसून सीजन के दौरान सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है, जिसमें संचयी वर्षा 87 सेमी की लंबी अवधि के औसत का 106 प्रतिशत रहने का अनुमान दर्शाया गया है।
भारत के मुख्य मॉनसून क्षेत्र में अधिकांश वर्षा आधारित कृषि क्षेत्र शामिल हैं, जहां सामान्य से अधिक बारिश (लंबी अवधि के औसत का 106 प्रतिशत से अधिक) की संभावना है। यह देश के लिए बहुत ही सकारात्मक खबर मानी जा सक्ति है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, छत्तीसगढ़, बिहार,झारखंड, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के बड़े हिस्से मुख्य मॉनसून क्षेत्र का हिस्सा बताया जा रहा हैं, जहां खेती मुख्य रूप से वर्षा पर निर्भर करती है।
भारत में 2023 के मॉनसून सत्र के दौरान, जून और अगस्त महीनों में शुष्क मौसम के कारण दीर्घावधि औसत की 94 प्रतिशत पर सामान्य से कम संचयी बारिश दर्ज की गई थी। आईएमडी ने बताये आंकड़ों के अनुसार, पूर्वोत्तर भारत में 2021 से सामान्य से कम मॉनसून वर्षा दर्ज की गई है। इसके अलावा, देश में जून महीने में सामान्य वर्षा (दीर्घावधि औसत 166.9 मिमी का 92-108 प्रतिशत) होने की उम्मीद बताई जा रही है।
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