चाय अनुसंधान संस्थान जल्द ही पतंजलि के साथ मिलकर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने जा रहा है। इसका उद्देश्य चाय की प्रसाधन और कल्याण उत्पादों में उपयोग किए जाने वाले चाय की पत्तियों और बीजों से कई रासायनिक यौगिकों को निकालने के लिए उन्नत अनुसंधान में जैसे दवा, सौंदर्य प्रसाधन और कल्याण उत्पादों में इसका उपयोग कर अनुसंधान पर सहयोग किया जा सके।
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आचार्य बालकृष्ण ने उद्योग और वाणिज्य मंत्री चंद्र मोहन पटवारी से मुलाकात की और ज्ञापन पर चर्चा की।
बालकृष्ण का कहना है कि, पतंजलि औषधीय वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए उद्योग और वाणिज्य विभाग के साथ असम में काम करेगा और सोनितपुर और हरिद्वार में निर्मित उत्पादों के लिए किसानों से वापस खरीदेगा।
इसके साथ यह निर्णय भी लिया गया है कि, चाय अनुसंधान संस्थान पतंजलि के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेगा, ताकि चाय की पत्तियों का उपयोग कल्याण उत्पादों, सौंदर्य प्रसाधन और दवा जैसे कई रासायनिक यौगिकों को निकालने के लिए उन्नत अनुसंधान पर सहयोग किया जा सके।
मंत्री पटोवरी का कहना है की, ‘इससे चाय के क्षेत्र में अवसरों का नया द्वार खुल जाएगा और उद्योग को महत्वपूर्ण रूप से पुनर्जीवित किया जा सकेगा। उन्होंने आगे आशा व्यक्त की कि चूंकि असम में औषधीय पौधों की विशाल उपस्थिति है, पतंजलि के साथ सहयोग से राज्य को अत्यधिक लाभ होगा।
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