बकरियों के लिए चारा मुख्य रूप से तीन प्रकार का होता है: हरा चारा, सूखा चारा और दाना। इन सबके साथ यह सुनिश्चित करना भी अत्यंत आवश्यक है कि बकरियों को दिया जा रहा भोजन सही तरीके से पच रहा है या नहीं। बकरियों को खुली जगह में चरने की आवश्यकता होती है, खासकर गर्भवती और दूध देने वाली बकरियों के लिए, क्योंकि उनकी अच्छी सेहत का यही सबसे बड़ा कारण है।
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बकरियों से अधिक दूध प्राप्त करना और उनके दूध की गुणवत्ता बनाए रखना संभव है। साथ ही, बकरी द्वारा दिया गया बच्चा भी स्वस्थ हो सकता है। जानवरों के विशेषज्ञों के अनुसार, यह सब हरे चारे, पोषण से भरपूर दाने और मिनरल्स के उचित सेवन से संभव है। गर्भवती और दूध देने वाली बकरियों की खुराक उनकी दूध उत्पादन क्षमता और स्वस्थ बच्चे के जन्म के लिए महत्वपूर्ण होती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भवती और दूध देने वाली बकरियों को अन्य सामान्य बकरियों की तुलना में बेहतर और अधिक पोषण की आवश्यकता होती है। यदि गर्भवती बकरियों को पर्याप्त मात्रा में दाना और पोषक तत्व नहीं दिए गए, तो इसका प्रतिकूल प्रभाव बच्चे और बकरी दोनों की सेहत पर पड़ता है।
बकरियों की खुराक में एक खास बात यह है कि वे बड़े जानवरों की तरह एक बार में पेट नहीं भरतीं। उन्हें दिन में चार से पांच बार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाने की जरूरत होती है। इसलिए, गर्भवती और दूध देने वाली बकरियों को बेहतर पोषण प्रदान करना उनकी अच्छी सेहत और उत्पादन के लिए जरूरी है।
गर्भवती बकरियों की खुराक बढ़ाने का सही समय
केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा के वैज्ञानिक डॉ. गोपाल दास के अनुसार, जब बकरी को गर्भवती करना हो, तो उसकी खुराक पहले से ही बढ़ा देनी चाहिए। बकरी के आहार में हरे चारे और दाने की मात्रा को बढ़ाना आवश्यक है। गर्भधारण से करीब दो सप्ताह पहले बकरी की सामान्य खुराक में प्रति माह 100 से 200 ग्राम दाना अतिरिक्त देना चाहिए।
इसके अलावा, जब बकरी बच्चा देने वाली हो, तो इस समय उसकी खुराक में और भी सुधार करें। बच्चा देने से एक या दो सप्ताह पहले दाने की मात्रा बढ़ाकर 300 से 400 ग्राम प्रतिदिन तक कर देनी चाहिए। साथ ही, उसे उच्च गुणवत्ता वाला हरा चारा भी खिलाएं।
दूध देने वाली बकरियों के लिए विशेष खुराक
डॉ. गोपाल दास बताते हैं कि दूध देने वाली बकरियों को भी अतिरिक्त पोषण की आवश्यकता होती है। यदि बकरी एक लीटर तक दूध देती है, तो उसे हर दिन 300 ग्राम तक दाना खिलाना चाहिए। दाना दो बार में देने से बकरी के पाचन पर बेहतर प्रभाव पड़ता है।
इसके अलावा, दिनभर में हरा और सूखा चारा मिलाकर लगभग 4 किलो तक बकरी को आहार देना चाहिए। पानी की बात करें, तो सामान्य मौसम में 20 किलो वजन की बकरी को प्रतिदिन 700 मिलीलीटर पानी देना चाहिए। गर्मियों के दौरान यह मात्रा डेढ़ गुनी तक बढ़ा देनी चाहिए, ताकि बकरी स्वस्थ रहे और उसका दूध उत्पादन अच्छा बना रहे।
यह उपाय न केवल बकरियों की सेहत में सुधार लाएंगे, बल्कि उनके दूध की गुणवत्ता और उत्पादन को भी बढ़ावा देंगे।
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