कृषि में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल: बिहार सरकार की नई पहल
बिहार सरकार ने किसानों की खेती लागत को कम करने और खेती के काम को आसान और प्रभावी बनाने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत, ड्रोन तकनीक का उपयोग कर खेतों में उर्वरक और कीटनाशकों का छिड़काव किया जाएगा। यह पहल किसानों को आधुनिक तकनीक से जोड़कर उनकी आय बढ़ाने और लागत कम करने की दिशा में एक बड़ा ही महत्वपूर्ण कदम होगा ।
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योजना के तहत छिड़काव का दायरा
बिहार के 38 जिलों में कुल 53,400 एकड़ भूमि पर एनपीके, नैनो यूरिया और अन्य उर्वरकों का छिड़काव ड्रोन के माध्यम से किया जाएगा। यह तकनीक समय और श्रम की बचत करने के साथ ही उर्वरकों और कीटनाशकों के समान वितरण को सुनिश्चित करेगी।
किसानों को मिलेगा अनुदान
इस योजना के तहत सरकार किसानों को प्रति एकड़ 20 रुपये तक का अनुदान प्रदान करेगी। यह अनुदान खेती की लागत को कम करने और किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में सहायक होगा।
लाभ पाने के लिए जरूरी प्रक्रिया
किसानों को इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए कृषि विभाग के डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। पंजीकरण के बाद, किसानों को ड्रोन से छिड़काव की सुविधा दी जाएगी।
ड्रोन तकनीक के लाभ
तेजी और सटीकता: कम समय में बड़े क्षेत्र में उर्वरक और कीटनाशक समान रूप से वितरित किए जा सकते हैं।
कम लागत: सरकारी अनुदान से किसानों का खर्च कम होगा।
पर्यावरण सुरक्षा: नियंत्रित छिड़काव से पर्यावरणीय क्षति कम होगी।
श्रम की बचत: पारंपरिक तरीकों की तुलना में यह प्रक्रिया कम मेहनत वाली है।
सरकार का उद्देश्य
बिहार सरकार का यह कदम कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों का उपयोग करके किसानों की उत्पादकता और आय बढ़ाने का प्रयास है। ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल खेती को आधुनिक और टिकाऊ बनाने के साथ ही किसानों की समस्याओं का समाधान प्रदान करेगा।
यह पहल राज्य के किसानों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के साथ ही कृषि क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगी।
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