देशभर में खरीफ फसलों की बिक्री जोर-शोर से चल रही है, और किसान अब रबी फसलों की बुवाई की तैयारी में लगे हैं। रबी सीजन में किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने कदम उठाए हैं। इस दिशा में केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान कर रही हैं।
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इसी क्रम में, राज्य सरकार किसानों को अपने खेत में नलकूप (ट्यूबवेल) लगाने के लिए 80 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान कर रही है। जो किसान अपने खेत में नलकूप खुदवाना चाहते हैं, वे इस योजना के तहत आवेदन कर सरकारी अनुदान का लाभ उठा सकते हैं।
2024–25 में नलकूप योजना: किसानों को सिंचाई प्रदान करना
किसानों को सिंचाई की सुविधा देने के लिए राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में नलकूप योजना शुरू की है। इस योजना के तहत सरकार किसानों को नलकूप देती है खुदवाने के लिए 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी देगी, जबकि बाकी खर्च किसान को खुद वहन करना होगा। सब्सिडी राशि किसानों के वर्ग के आधार पर तय की जाएगी, जिसमें अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों को विशेष प्राथमिकता मिलेगी।
नलकूप योजना में कितनी मिलेगी सब्सिडी
राज्य सरकार नलकूप लगाने के लिए विभिन्न वर्गों के किसानों को सब्सिडी प्रदान कर रही है। सामान्य वर्ग के किसानों को इकाई लागत का 50 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगा, जबकि पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के किसानों को 70 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ मिलेगा। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसानों को सबसे अधिक 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी।
दक्षिण बिहार कई जिलों में किसानों को 57,000 रुपये की सब्सिडी मिलेगी; पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के किसानों के लिए 79,800 रुपये की सब्सिडी मिलेगी; और अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों को 91,200 रुपये की सब्सिडी मिल जाएगी । साथ ही उत्तर बिहार के जिलों में सामान्य वर्ग के किसानों को 36,000 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी; पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के किसानों को के 50,400 रुपये; और अनुसूचित जाति और जनजाति किसानों को 57,600 रुपये की सब्सिडी दी जा सक्ती है ।
नलकूप लगाने के लाभ
राज्य सरकार द्वारा जल जीवन हरियाली अभियान के तहत सूक्ष्म सिंचाई पद्धति को लागू किया गया है, जिसके अंतर्गत नलकूप लगाने से किसानों को कई लाभ मिलते हैं।इससे लगभग ६० प्रतिशत तक पानी की बचत होती है और २५ से ३० प्रतिशत तक उर्वरक की खपत कम होती है। इसके साथ ही उत्पादन में वृद्धि होती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में मखाना की खेती को बढ़ावा देना है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो सकेगी।
योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
नलकूप योजना का लाभ राज्य के रैयत और गैर रैयत दोनों प्रकार के किसान उठा सकते हैं। रैयत किसान भूमि-स्वामित्व प्रमाणपत्र या राजस्व रसीद के आधार पर आवेदन कर सकते हैं, जबकि गैर रैयत किसान एकरारनामा के आधार पर आवेदन करेंगे। यदि आवेदक का नाम भूमि-स्वामित्व या राजस्व रसीद में स्पष्ट नहीं है, तो उसे वंशावली के दस्तावेज़ भी साथ में देने होंगे।
नलकूप सब्सिडी के लिए आवेदन कैसे करें
यदि आप बिहार के किसान हैं और अपने खेत में नलकूप लगवाने के लिए सब्सिडी का लाभ लेना चाहते हैं, तो आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा। यह योजना विशेष रूप से बिहार सरकार द्वारा राज्य के किसानों के लिए शुरू की गई है। आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है:
- योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in/ को पहेले देखना जरुरी हैं ।
- वेबसाइट के मुख्य पृष्ठ पर “नलकूप योजना” विकल्प पर क्लिक करें।
- इसके बाद, नलकूप योजना से संबंधित सभी प्रमुख जानकारी पढ़ें और सहमति देने के लिए सही का निशान लगाएं।
- अब आपके सामने नलकूप योजना (2024-25) के लिए ऑनलाइन आवेदन फॉर्म खुल जाएगा।
- इस फॉर्म में आवेदन का प्रकार और किसान डीबीटी पंजीकरण संख्या भरनी जरुरी है ।
- इसके बाद, “विवरण प्राप्त करें” पर क्लिक करें।
- अब एक नया फॉर्म खुलेगा, जिसमें सभी मांगी गई जानकारी सही-सही भरें।
- अंत में, सभी विवरण भरने के बाद आपका आवेदन सफलतापूर्वक जमा हो जाएगा।
नलकूप योजना से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी
लाभार्थी किसान: नलकूप योजना (Tube Well Scheme) के तहत उन किसानों को लाभ मिलेगा जो सूक्ष्म सिंचाई योजना से जुड़े हैं या उन चिह्नित जिलों में मखाना की खेती कर रहे हैं। इन जिलों में मधुबनी, दरभंगा, कटिहार, पूर्णिया, मधेपुरा, सुपौल, सहरसा, अररिया, किशनगंज और खगड़िया शामिल हैं।
भूमि आवश्यकताएँ: इस योजना के तहत आवेदन करने वाले किसानों के पास न्यूनतम 0.5 एकड़ भूमि होनी चाहिए।
नलकूप का कमांड क्षेत्र: नलकूप का कमांड क्षेत्र 8 हैक्टेयर होगा। यह नलकूप मुख्य रूप से ड्रिप सिंचाई या मखाना की खेती के लिए उपयोग किया जाएगा।
कार्यांवयन: योजना की क्रियान्वयन प्रक्रिया केंद्रीय भूजल बोर्ड द्वारा की जाएगी, लेकिन यह अति दोहन और संकटपूर्ण पंचायतों को छोड़कर सभी क्षेत्रों में लागू की जाएगी।
विद्युत कार्य: नलकूप के विद्युत संबंधी कार्यों की जिम्मेदारी संबंधित किसान की होगी।
सब्सिडी का भुगतान: नलकूप पूरी तरह से कार्यात्मक हो और पानी का प्रवाह शुरू हो जाए। सब्सिडी राशि कोटिवार वास्तविक कार्य के आधार पर संबंधित किसान या पंजीकृत कंपनी को दी जाएगी।
गहराई की सीमा: दक्षिण बिहार में जल स्तर की स्थिति को देखते हुए नलकूप की खुदाई की अधिकतम गहराई 70 मीटर होगी, जबकि उत्तर बिहार में यह गहराई 35 मीटर तक सीमित होगी।
संपर्क सूत्र: इस योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए किसान बिहार कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं, या अपने जिले के उद्यान विभाग के सहायक निदेशक से संपर्क कर सकते हैं।
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