किसान खेती से जुड़ी विभिन्न जरूरतों जैसे- खाद, बीज, कीटनाशक, और कृषि यंत्रों के लिए ऋण लेने पर मजबूर होते हैं। साहूकारों से लिया गया ऋण महंगा पड़ता है, उनकी ब्याज दरें ज्यादा होती हैं, जिसे किसान चुका नहीं पाते। किसानों को साहूकारों से मुक्त करने के उद्देश्य से सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना (Kisan Credit Card Yojana) की शुरुवात की है, जिसके तहत उन्हें बैंक से सस्ता ऋण मिल सकता हैं।
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किसान क्रेडिट कार्ड से ऋण लेने पर ब्याज दर काफी कम होती है। समय पर भुगतान करने वाले किसानों को 4 प्रतिशत की दर से ब्याज चुकाना होता है, जबकि बैंक की वास्तविक ब्याज दर 9 प्रतिशत होती है। इसमें सहकारी समितियों और बैंकों को केंद्र सरकार की ओर से 2 प्रतिशत ब्याज छूट मिलती है, जिससे ब्याज दर 7 प्रतिशत हो जाती है। इसके बाद किसानों को 3 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट मिलती है। इस प्रकार समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों को 4 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण मिलता है। अब राज्य सरकार भी किसानों को ऋण पर ब्याज में और राहत देने जा रही है। वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार 1 प्रतिशत का अतिरिक्त ब्याज अनुदान देगी, जिससे किसानों को सहकारी बैंकों से और भी सस्ता ऋण मिल सकेगा।
अब किसानों को कितनी ब्याज दर पर मिलेगा ऋण:
बिहार सरकार वर्ष 2024-25 में किसानों को कृषि ऋण पर 1 प्रतिशत ब्याज अनुदान प्रदान करने का निर्णय ले रही है । इसके लिए कृषि विभाग और नाबार्ड के बीच एक समझौता (एमओयू) साइन किया है। इस अनुदान को प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने राज्य योजना मद से 10 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। इस प्रकार, अब बिहार के किसानों को केवल 3 प्रतिशत ब्याज दर पर किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से लोन मिल सकेगा। इससे राज्य के किसानों को पहले से भी सस्ता ऋण उपलब्ध होगा।
किन बैंकों से ऋण लेने पर मिलेगा योजना का लाभ:
किसानों को वाणिज्यिक, ग्रामीण और सहकारी बैंकों से 3 लाख रुपए तक का ऋण लेने पर राज्य ब्याज अनुदान योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत, सरकार द्वारा 1 प्रतिशत ब्याज पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार द्वारा फसल ऋण, किसान क्रेडिट कार्ड और अल्पावधि कृषि उत्पादन ऋण पर 1 प्रतिशत ब्याज छूट का लाभ दिया जाएगा, जिससे किसानों को सस्ता ऋण प्राप्त हो सकेगा।
ब्याज अनुदान योजना के लिए कौनसे किसान पात्र होंगे?
इस साल, अप्रैल 2024 से लिए गए ऋण पर राज्य ऋण ब्याज अनुदान योजना का लाभ दिया जाएगा। इन ऋणों पर राज्य सरकार केवल 1 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी प्रदान करेगी। इससे पहले लिए गए ऋणों पर किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा, कंपनियां और साझेदारी कंपनियां इस योजना का लाभ नहीं उठा सकेंगी। केवल व्यक्तिगत किसान ही इस योजना के पात्र होंगे।
इस योजना का उद्देश्य:
कृषि मंत्री के अनुसार, इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को कृषि ऋण पर लगने वाले ब्याज के बोझ को कम करना है। इसका मकसद है कि किसान उत्साहित होकर और बिना आर्थिक परेशानियों के, ज्यादा से ज्यादा संस्थागत ऋण प्राप्त कर सकें। मंत्री ने बताया कि इस कार्यक्रम के परिणामस्वरूप, किसान आधुनिक कृषि तकनीक को अपनाने के लिए बीज, उर्वरक, कीटनाशक, सिंचाई आदि में निवेश करने में सफल होंगे। इससे फसलों के उत्पादन में वृद्धि होगी और किसानों को खेती के लिए सस्ता ऋण प्राप्त होगा, जिससे उन्हें खेतीबाड़ी के काम में पैसों की समस्या का सामना नहीं करना पड़े।
योजना के लिए नाबार्ड को बनाया गया है राज्य एजेंसी:
कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य सरकार द्वारा कृषि ऋण पर 1 प्रतिशत ब्याज अनुदान योजना के कार्य को संपादित करने के लिए 10 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही, योजना की शुरुआत के लिए नाबार्ड को राज्य एजेंसी के रूप में नामित किया गया है। उन्होंने बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसानों को कृषि से संबंधित कार्यों के लिए ऋण प्रदान किया जाता है।
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