रबी की कटाई के बाद, किसान खरीफ फसलों की तैयारियों में जुटेंगे। उन्हें कृषि यंत्रों और कृषि मशीनों की आवश्यकता होगी, जिसके लिए उन्हें योजना का लाभ उठाना होगा। यह योजना 75 प्रकार के कृषि यंत्रों पर अनुदान प्रदान करेगी। इसके लिए किसानों को आवेदन करना होगा। बाजार में कृषि यंत्रों की कीमत बढ़ने से छोटे किसान इसे खरीदने में मुश्किल होते हैं। सरकार द्वारा कृषि यंत्रों पर दी जाने वाली सब्सिडी के माध्यम से, छोटे किसान भी यंत्रों की खरीद में आसानी से सक्षम होंगे, जिससे किसान खेती के कामों को कम समय और श्रम में पूरा कर सकें।
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कृषि यंत्र अनुदान योजना के लिए किसानों को अनुदान का लाभ प्रदान करने के लिए विभिन्न राज्यों में विभिन्न नामों से योजनाएं चलाई जा रही हैं। मध्यप्रदेश में यह योजना ‘ई-कृषि अनुदान योजना’ के नाम से चलाई जा रही है, जबकि यूपी में ‘कृषि यंत्रीकरण योजना’, राजस्थान में ‘कृषि यंत्र अनुदान योजना’ के रूप में जानी जा रही है। इसी तरह, बिहार सरकार द्वारा इस योजना को ‘कृषि यांत्रिकरण राज्य योजना’ के नाम से शुरू किया जा रहा है।
इस योजना के अंतर्गत, राज्य के किसानों को 75 प्रकार के कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी जो कृषि मशीनरी बैंक या कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए उपलब्ध होंगी। बिहार सरकार 5 अप्रैल 2024 से इस योजना के लिए आवेदन शुरू करेगी। जो किसान इस योजना का लाभ उठाकर कृषि मशीनरी बैंक या कस्टम हायरिंग सेंटर खोलकर कमाई करना चाहते हैं, वे इस योजना को उपयोग कर सकते हैं।
कस्टम हायरिंग सेटर खोलने के लिए कितनी सब्सिडी मिलेगी?
राज्य सरकार द्वारा लागू किया गया सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाईजेशन योजना (SMAM) के अंतर्गत 257 कृषि यंत्र बैंक या कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना की जाएगी। इसके लिए प्रति कस्टम हायरिंग सेंटर की लागत का निर्धारण 10 लाख रुपए किया गया है। यहां किसानों को 40 प्रतिशत सब्सिडी, अर्थात 4 लाख रुपए की सहायता प्राप्त करने का उससे प्राप्त होगा। इसके अलावा, राज्य सरकार 1068 लाख रुपए का खर्च करके कस्टम हायरिंग सेंटर की शुरुआत करेगी। ये कस्टम हायरिंग सेंटर या कृषि मशीनरी बैंक क्षेत्र के किसानों को किराये पर कृषि यंत्र लेने की सुविधा प्रदान करेंगे। इस योजना से विशेष रूप से छोटे किसानों को लाभ होगा जो आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण महंगे कृषि यंत्रों की खरीददारी नहीं कर पाते हैं।
सब्सिडी का लाभ किस किसान यंत्र पर मिलेगा?
2024-25 में किसानों को 75 प्रकार के कृषि यंत्रों पर सब्सिडी का लाभ मिलेगा जो खेत की जुताई, बुवाई, निराई-गुड़ाई, सिंचाई, कटाई आदि के लिए हों। इसके साथ ही, उद्यान से संबंधित कृषि यंत्र भी शामिल होंगे। इस योजना में हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, स्ट्रॉ बेलर और स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम जैसे अवशेष प्रबंधन से संबंधित कृषि यंत्रों पर भी सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाएगी।
कृषि उपकरणों की खरीद पर कितनी सब्सिडी मिलेगी?
कृषि यंत्रीकरण योजना के अंतर्गत, कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए कृषि यंत्रों की खरीद पर लाभार्थी को 40% से 80% तक सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इस सब्सिडी की राशि अलग-अलग कृषि यंत्रों की लागत के आधार पर निर्धारित की जाएगी, जिसकी विस्तृत सूची योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है। इसके अलावा, अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) के किसानों को निर्धारित राशि का कम से कम 18% सब्सिडी प्राप्त होगा। बिहार राज्य के कृषि यंत्र निर्माताओं द्वारा निर्मित कृषि यंत्रों पर अधिकतम सीमा में 10% बढ़ोतरी के साथ सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इसे ध्यान में रखते हुए, किसी भी स्थिति में यंत्र की कीमत के 80% से अधिक की सब्सिडी नहीं होगी।
किन किसानों के मिलेगा योजना का लाभ:
राज्य के प्रगतिशील किसान, जीविका समूह, ग्राम संगठन और कलस्टर फेडरेशन इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के लाभार्थी चाहें तो किसी भी स्थान से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करते समय यह ध्यान देना होगा कि आवेदनकर्ता ने पहले से इस योजना के तहत कृषि यंत्र बैंक या कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए अनुदान का लाभ नहीं लिया हो।
कृषि यंत्रों पर सब्सिडी के लिए आवेदन कहां और कब करना होगा:
बिहार के पात्र लाभार्थियों को योजना के तहत आवेदन करने के लिए 5 अप्रैल से आधिकारिक वेबसाइट https://farmech.bih.nic.in/FMNEW/Homenew.aspx पर जाना चाहिए। आवेदन करने से पहले, योजना के OFMAS सॉफ्टवेयर पर रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है, जिसका लिंक बिहार कृषि विभाग के DBT पोर्टल पर मिलेगा। बिना रजिस्ट्रेशन नंबर के OFMAS में आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। आवेदकों का चयन ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा, जिसकी तिथि और वैधता की सूचना बाद में जारी की जाएगी।
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