नए उत्पादन के आंकड़े आने से पहले, प्याज का मिनिमम दाम महाराष्ट्र में 7 मार्च को 2 से लेकर 16 रुपये प्रति किलो तक था, जबकि अधिकतम 23 रुपये प्रति किलो था। आज शाम तक, बाजार के रुख में परिवर्तन की उम्मीद है। राज्य की अधिकांश मंडियों में, प्याज की आपूर्ति दिसंबर-जनवरी के मुकाबले काफी कम हो गई है। इसके बावजूद, किसानों को निर्यात बंदी के कारण खास नुकसान नहीं हुआ है।
प्याज के उत्पादन के नए आंकड़ों के चलते बाजार में दाम बढ़ सकते हैं। किसानों की आशा है कि अगले एक-दो दिनों में मंडी में प्याज के भाव में तेजी आ सकती है। रबी सीजन में प्याज की उत्पादन शुरू होने जा रही है, और इस बार किसानों को अच्छी कमाई की उम्मीद है। केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले 1 साल में प्याज के उत्पादन में लगभग 47 लाख टन की कमी होने की संभावना है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब इतनी बड़ी गिरावट होगी, तो दाम में वृद्धि की संभावना है, जिससे किसानों को फायदा होगा। किसानों ने कम दाम पर परेशान होकर प्याज की खेती कम कर दी थी, जिससे इस बार उत्पादन में कमी आई है।
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प्याज के उत्पादन के नए आंकड़ों के आने से पहले ही, निर्यात पर प्रतिबंध के बावजूद, महाराष्ट्र में 7 मार्च को यह 2 से 16 रुपये प्रति किलो तक का मिनिमम दाम प्राप्त कर रहा था, जबकि अधिकतम दाम 23 रुपये प्रति किलो था। आज शाम तक बाजार में रुख बदलने की उम्मीद है। राज्य के अधिकांश मंडियों में प्याज की आवक दिसंबर-जनवरी के मुकाबले काफी कम हो चुकी है। इसलिए, निर्यात पर प्रतिबंध के बावजूद, किसानों को बुरे दाम नहीं मिल रहे हैं। इस प्रकार, नए आंकड़ों के आने से इसमें तेजी से वृद्धि की उम्मीद है।
वर्ष 2023-24 में, कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल के तुलना में प्याज का उत्पादन 302.08 लाख टन था, जो कि इस साल 2023-24 में 254.73 लाख टन के करीब होने की अनुमानित है। महाराष्ट्र में उत्पादन में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली है, जहां 34.31 लाख टन का उत्पादन कम हो गया है। इसका मुख्य कारण है कि किसानों को कई सालों से प्याज के दाम में बहुत कमी महसूस हो रही है। जब भी दाम बढ़ता है, तो सरकार उसे किसी न किसी प्रतिबंध के तहत कम कर देती है, जिससे किसानों को अधिक दाम नहीं मिलता। इस कारण से, राज्य के किसानों ने अपनी नाराजगी प्रकट करते हुए खेती बंद करने का फैसला किया था। इसी कारण से कई किसानों ने खेती को छोड़ दिया था, जिसके कारण उत्पादन में इतनी गिरावट आई।
किस मंडी में कितना है दाम:
7 मार्च को, अकोला मंडी में 656 क्विंटल प्याज की आवक हुई। यहां न्यूनतम 1000 रुपये, अधिकतम 1800 रुपये और औसत 1500 रुपये प्रति क्विंटल था।
7 मार्च को कोल्हापुर मंडी में 4,994 क्विंटल प्याज की आवक हुई। न्यूनतम 600 रुपये प्रति क्विंटल, अधिकतम 1800 रुपये और औसत 1200 रुपये प्रति क्विंटल था।
7 मार्च को, जुन्नर मंडी में 1,218 क्विंटल प्याज की आवक हुई। न्यूनतम 500 रुपये प्रति क्विंटल, अधिकतम 2110 रुपये और औसत 1210 रुपये प्रति क्विंटल था।
7 मार्च को सोलापुर मंडी में 36615 क्विंटल प्याज की आवक हुई। न्यूनतम 200 रुपये प्रति क्विंटल, अधिकतम 2300 रुपये और औसत 1400 रुपये प्रति क्विंटल था।
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