जानिए, किस किसान को होगा ऋण माफी योजना (kisan yojana) का लाभ :
इसके बारे में पूरी जानकारी हासिल करें। किसानों को खेती के विभिन्न कार्यों के लिए बैंक से ऋण लेना पड़ता है। उन्हें इसके लिए किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) के माध्यम से सस्ता ऋण प्राप्त करने की सुविधा मिलती है। हालांकि, कई किसानों की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वे समय पर ऋण चुका नहीं सकते और इसके परिणामस्वरूप उनका ब्याज बढ़ता है, जिससे ऋण की राशि में वृद्धि होती है और वे इसे चुका नहीं सकते। इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर लघु और सीमांत किसानों के हित में कृषि ऋण माफी योजना (kisan yojana) के तहत किसानों के 2 लाख रुपए तक के कर्ज को माफ करने का निर्णय लिया है। इस योजना से राज्य के करीब 3 लाख छोटे और सीमांत किसानों को इसका लाभ होगा। राज्य सरकार ने इस योजना पर 500 करोड़ रुपए का खर्च करने का आंकलन किया है।”
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“वास्तविकता में, राज्य सरकार कृषि ऋण माफी योजना (kisan yojana) के दायरे को बढ़ाने का प्रयास कर रही है ताकि अधिक से अधिक किसानों को इससे लाभ मिल सके। राज्य सरकार ने पहले 50,000 रुपए तक के ऋण को माफ किया था, लेकिन अब इसकी सीमा को बढ़ाकर उसे 2,00,000 रुपए तक बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है और राज्य सरकार इस प्रस्ताव को अपने 2024-25 के बजट वर्ष में पेश करने की तैयारी कर रही है ताकि प्रदेश के किसानों को राहत मिल सके।”
किसानों का कर्ज होने वाला है माफ:
राज्य के वे किसान जिन्होंने सहकारी समितियों और सहकारी बैंकों से 2,00,000 रुपए तक का ऋण लिया है और जिनकी आर्थिक स्थिति सही नहीं है, उनके ऋण को माफ किया जाएगा। इसका कारण है कि इन किसानों को आर्थिक कठिनाईयों के चलते अभी तक ऋण की वसूली नहीं कर पा रहे हैं। इससे उन्हें और कोई ऋण प्राप्त नहीं हो रहा है। जब कोई व्यक्ति पुराने ऋण को चुका नहीं सकता, तो बैंक उसे डिफॉल्टर (ऋण अवस्थित) घोषित कर देता है, जिससे वह आगे और ऋण नहीं ले सकता। इस योजना (kisan yojana) से राज्य सरकार किसानों को आराम पहुंचाएगी, जिन्होंने अपने ऋण को चुका नहीं सका है, और इसके परिणामस्वरूप इन्हें फिर से बैंक ऋण मिल सकेगा। इससे किसान और बैंक दोनों को लाभ होगा, क्योंकि किसान दुबारा ऋण लेने के लिए पात्र हो जाएगा और बैंक का उद्यमिता क्षेत्र में लोन कारोबार में वृद्धि होगी। हालांकि, इस योजना के लिए सरकार को 500 करोड़ रुपए का खर्च होगा।”
क्या है सरकार का ऋण माफी के पीछे का उद्देश्य:
राज्य में इस वर्ष लोकसभा चुनाव होने वाले हैं और इसके अलावा विधानसभा चुनाव भी इसी साल राज्य में होंगे। इस संदर्भ में, सरकार का मुख्य उद्देश्य किसान वर्ग को आत्मनिर्भर और खुशहाल बनाने के लिए है। राज्य सरकार चुनाव से पहले किसानों को ऋण माफी का लाभ प्रदान करके किसानों का समर्थन प्राप्त करना चाहती है। इससे साथ ही, सरकार चाहती है कि यह उपाय किसानों के समर्थन में विशेष रूप से सकारात्मक प्रभाव डाले और चुनावी प्रक्रिया में उपस्थित विभिन्न अभिवादनों का उपयोग करे। राज्य में लगभग 70 प्रतिशत आबादी कृषि और बागवानी से जुड़ी है, इसलिए सरकार को किसानों के साथ सीधे संबंध बनाए रखने का प्रयास करना उचित है। इसमें किसानों की ऋण माफी की घोषणा सरकार के लिए एक वोट-बैंक रणनीति बना सकती है, जो उन्हें उनके उद्यमिता में समर्थन प्रदान करने में मदद कर सकती है।”
प्रदेश में कितनी है ऋणी किसानों की संख्या :
अनुमान के मुताबिक, राज्य में ऋणी किसानों की संख्या लगभग तीन लाख के करीब है, जिन्होंने सहकारी बैंकों से 51,000 रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक का ऋण लिया है। साथ ही, एक लाख से दो लाख रुपए तक का ऋण लेने वाले किसानों की संख्या करीब एक लाख है। इस प्रकार, राज्य के तीन लाख से अधिक किसानों को इस योजना से मिलेगा लाभ, जिससे किसानों को ऋण मुक्त होने में मदत होगी।”
एनपीए खाताधारकों को भी मिलेगा योजना (kisan yojana) का लाभ:
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्य कृषि विभाग द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि नॉन-परफॉर्मिंग एकाउंट (एनपीए) खाताधारकों को भी ऋण माफी का लाभ प्रदान किया जाए। सरकार इस मामले पर विचार कर रही है और बैंक अधिकारियों के साथ चर्चा कर रही है। इसके साथ ही, बैंकों से कहा जा रहा है कि एनपीए खाताधारकों को स्टैंडर्डाइज किया जाए और इसके लिए आवश्यक खर्च को राज्य सरकार द्वारा उठाया जाएगा। इस प्रकार, 50,000 रुपए से कम ऋण लेने वाले एनपीए खाताधारकों को भी इस योजना का लाभ होगा। अब तक, इस योजना का लाभ केवल उन खाताधारकों को मिलता था जिनका खाता स्टैंडर्ड था, लेकिन अब एनपीए खाताधारक किसानों को भी इसका लाभ हो सकेगा। एनपीए खाता एक खाता है जिसमें किसानों ने ऋण की किस्तें नहीं चुकाई हैं, जिसके कारण उनका खाता निष्क्रिय हो जाता है। इसके खिलाफ, स्टैंडर्ड खाता एक सक्रिय खाता होता है, जिसमें लेन-देन होता है और खाता सक्रिय रहता है। आमतौर पर, यदि किसी खाते में छह महीने से एक साल तक कोई लेन-देन नहीं होता है, तो ऐसे खाते को निष्क्रिय खाते की श्रेणी में रख दिया जाता है, लेकिन इसे बैंकों द्वारा सक्रिय बनाए रखना होता है। इस तरह, राज्य सरकार ने बैंकों से किसानों के एनपीए या निष्क्रिय खातों को पुनः सक्रिय करने के लिए बैंकों से कहा है.
अब तक राज्य में कितने किसानों को हुआ है कर्जा माफ:
झारखंड सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री कृषि ऋण माफी योजना के अंतर्गत, किसानों के सहकारी बैंक से लिए गए पुराने ऋणों को माफ करने का कार्य जारी है। इस योजना के अंतर्गत, अब तक राज्य के लगभग 4,72,117 किसानों के कर्ज माफ किए जा चुके हैं। इस योजना के अंतर्गत, 50,000 रुपए तक के ऋण को माफ करने का निर्णय किया गया है। वर्तमान में, 4,69,412 किसानों के आवेदन पर ऋण माफी की प्रक्रिया जारी है। कृषि ऋण माफी योजना की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, इसके तहत अब तक 20,681 किसानों के लिए भुगतान हो चुका है, क्योंकि बैंकों द्वारा गतिरिक्त जानकारी अपलोड की गई थी। झारखंड राज्य में मुख्यमंत्री कृषि ऋण माफी योजना का प्रारंभ वर्ष 2021 से हुआ है।
ऋण माफी के लिए किसानों को कैसे करना होगा आवेदन:
झारखंड राज्य सरकार द्वारा ऋण माफी की योजना का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसे बजट में पेश किया जाएगा। बजट में प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर, इस योजना से झारखंड राज्य के किसानों को लाभ होगा। इसके लिए किसानों को आवेदन करना होगा, जिसके लिए सरकार द्वारा किसानों के लिए मार्गदर्शन जारी किया जाएगा। आवेदन की पूरी प्रक्रिया और इसकी शर्तों के बारे में जानकारी के लिए, हमें इस समय कोई अद्यतित जानकारी उपलब्ध नहीं है। फिलहाल, ऋण माफी के प्रस्ताव को बजट में पेश किया जाएगा, जिसके बाद इसे स्वीकृति मिलने पर किसानों को आराम प्रदान किया जाएगा।
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