वैज्ञानिकों द्वारा विकसित नवीन गन्ना प्रजाति(sugarcane variety): जानिए विशेषताएं।
गन्ने की नई किस्म जो एक एकड़ में 450 क्विंटल तक पैदावार दे सकती है, वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई है। इस नई किस्म के उपयोग से कम लागत में अधिक पैदावार प्राप्त किया जा सकता है। इस किस्म का नाम सीओ-15023 है, जिसे गन्ना अनुसंधान केंद्र करनाल ने विकसित किया है। कृषि मंत्री ने बताया कि वर्तमान में बोई जा रही गन्ने की किस्मों से आम तौर पर करीब 10.50 प्रतिशत चीनी रिकवरी होती है, जबकि सीओ-15023 से अधिक पैदावार होगी। इससे किसानों सहित चीनी मिलों को लाभ होगा।
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इस साल चीनी रिकवरी में इस साल 0.3 प्रतिशत की हुई कमी:
हरियाणा राज्य में इस साल चीनी मिलों में गन्ना रिकवरी में 0.3 प्रतिशत की कमी हुई है। इसका मुख्य कारण गन्ने की गुणवत्ता की कमी है, जिसे देखते हुए कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि इस बार की रिकवरी 10.58 से घटकर 10.24 प्रतिशत पर आई है। उन्होंने बताया कि गन्ने की जो प्रजाति बोई जा रही है, उसमें वर्तमान में चल रहे बीजों में जीसी किस्म भी 0238 शामिल हैं।
इस पर, केंद्र और हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) के वैज्ञानिकों ने चर्चा के बाद नई किस्म 15023 का विकास किया है। इस नई किस्म की रिकवरी दर को 14 प्रतिशत बनाए रखने की उम्मीद है, जिससे गन्ना उत्पादकों को और भी अच्छे लाभ की प्राप्ति हो।सीओ-15023 किस्म से अधिक पैदावार होगी।
कृषि मंत्री के अनुसार, वर्तमान में बोई जा रही गन्ने की किस्मों से आमतौर पर करीब 10.50 प्रतिशत चीनी रिकवरी होती है। इसके विपरीत, वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किस्म 15023 से अधिक उपज प्राप्त होगी। राज्य में गन्ना और चीनी उत्पादन को बढ़ाने के लिए इस किस्म को जल्दी से किसानों तक पहुंचाने का काम किया जाएगा। इस किस्म से प्रदेश में चीनी उत्पादन में 30 प्रतिशत तक वृद्धि की संभावना दिखाइ दे रही है। इस किस्म से किसानों, सरकार और चीनी मिलों को लाभ मिलेगा ।
सीओ-15023 गन्ने की (sugarcane variety)प्रमुख विशेषताएं और लाभ:
इस किस्म की फसल में रोग प्रतिरोधक क्षमता दूसरी गन्ने की प्रजातियों से अधिक है। इसकी प्रमुख विशेषताएं और लाभ निम्नलिखित हैं:
- रोग प्रतिरोधक क्षमता: इस किस्म में रेड रूट या किसी भी प्रकार की बीमारी का प्रकोप नहीं होता है, जिससे गन्ने को अधिक सुरक्षा मिलती है।
- अधिक लंबाई: यह गन्ने की किस्म अधिक लंबी होती है, जिससे पैडी में अधिक फुटाव होता है।
- तेज़ पैदावार: इस किस्म का गन्ना 8 से 9 महीने में तैयार हो जाता है, जो अन्य किस्मों से कम समय में होता है।
- अच्छा फुटाव: इस किस्म की पैडी में अच्छा फुटाव होता है, जिससे पैडी में कल्टिवेशन कार्य सरल होता है।
- कम लागत: इस किस्म की खेती में लागत कम आती है और प्रति एकड़ उपज की बात की जाए तो गन्ने की सीओ-15023 किस्म में करीब 400 से 450 क्विंटल तक पैदावार हो सकती है।
- उच्च पैदावार: किसान इस किस्म से कम लागत में अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उन्हें अधिक लाभ हो सकता है।
हरियाणा में क्या है गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य:
2024 में हरियाणा में गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। गन्ने की अगेती फसल के लिए नया एसएपी मूल्य 386 रुपए प्रति क्विंटल का निर्धारण किया गया है, जिसमें 14 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। इस से पहले गन्ने का मूल्य 372 रुपए प्रति क्विंटल था।
सीएम द्वारा किए गए घोषणा के अनुसार, 2024 के गन्ना पेराई सीजन के लिए गन्ने का मूल्य 386 रुपए से बढ़ाकर 400 रुपए होगा। इस से हरियाणा के किसानों को गन्ना बेचने से अधिक लाभ होगा। इस नए मूल्य निर्धारण के बाद, हरियाणा में किसानों को सबसे अधिक मूल्य प्रदान किया जा रहा है, जबकि पंजाब में गन्ने का मूल्य 380 रुपए प्रति क्विंटल है, जो हरियाणा से 6 रुपए कम है।
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