Published 09 June, 2025
जैसे ही मानसून की पहली बारिश होती है, मक्का और सोयाबीन की बुवाई का समय आ जाता है। ये फसलें नमी वाली मिट्टी में अच्छी तरह उगती हैं।
जून के दूसरे हफ्ते में धान और अरहर की बुवाई करें। खासतौर पर धान को पर्याप्त पानी की जरूरत होती है, जो मानसून में मिल जाता है।
जुलाई में मौसम और भी अनुकूल हो जाता है। इस समय कपास और मूंग जैसी फसलें बोई जाती हैं, जो गर्मी और नमी दोनों सहन कर सकती हैं।
जुलाई के आखिरी हफ्ते में तिल और बाजरे की बुवाई करें। ये फसलें कम पानी में भी अच्छी उपज देती हैं और मानसून के आखिरी दौर में बोई जाती हैं।